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पूरी दुनिया में दुर्लभ है जो चीज उसे बारां में देखिये,आस्ट्रेलिया, जर्मनी व डेनमार्क के पर्यटक पहुंचे क्रेटर देखने..जानते हैं क्या है क्रेटर,

उल्कापिंड जब जमीन से टकराता है तो उस जगह का केन्द्र उसे उछालकर उपर फेंकता है। नतीजतन केन्द्र में चट्टाननुमा जगह बन जाती है।

बारांJan 01, 2018 / 07:44 pm

Shivbhan Sharan Singh

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बारां जिले के मांगरोल कस्बे के रामगढ़ को उसकी वैश्विक पहचान दिलाने के लिए कई सालों से संघर्ष कर रहे मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ अर्थ साइंस के चेयरमैन प्रो. विनय अग्रवाल ने बताया कि आजादी के बाद भू वैज्ञानिकों ने जब इस जगह की गहन पड़ताल की तो चट्टानों के पिघले हुए कणों के साथ निकल, कोबाल्ट, ग्लास और कायांतरण के बड़े प्रभाव सामने आए। उल्कापिंड के टकराने के बाद की चुम्बकीय तरंगे (शटर कोन) भी मिली। उल्कापिंड जब जमीन से टकराता है तो उस जगह का केन्द्र उसे उछालकर उपर फेंकता है। नतीजतन केन्द्र में चट्टाननुमा जगह बन जाती है। रामगढ़ क्रेटर के सेंटर में दस मीटर की ऐसी ही चट््टानें मिली हैं। इतना ही नहीं इस इलाके में इम्पेक्ट मेटल भी पर्याप्त मात्रा में मिला हैं। आईआईटी खडग़पुर फैकल्टी ऑफ अर्थ साइंस के जानकार एस. मिश्रा, पीके श्रीवास्तव, एचई मुस्यम ने भी इसकी खोज के बारे में जानने के बाद इसकी स्टेडी की है।
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रामगढ़ पहुंचे सैलानी

आस्ट्रेलिया, जर्मनी व डेनमार्क से रामगढ़ पहुंचे सैलानियों ने रामगढ़ की दुर्गम पहाडिय़ों के बीच कैम्प फायर किया। यहां वे अलावों की तपन के साथ मौज-मस्ती में डूब गए। पुराने साल की विदाई व नए साल के आगमन के अवसर ने उनके उत्साह को दोगुना किया। जिले के लोक कलाकारों ने केसरिया बालम आओ नी पधारों म्हारे देश…के अलावा अन्य हाड़ौती गीत सुनाए तो वे यहां की संस्कृति में मानो खो से गए। रविवार रात १२ बजे हैप्पी न्यू ईयर के साथ उन्होंने 2017 को अलविदा कहा। बारीकी से लिया क्षेत्र का जायजा–कस्तूरबा गांधी छात्रावास में विश्राम के बाद सोमवार सुबह आस्ट्रेलिया से आए जैकपुट, डेनिसमिलर व आस्ट्रेलिया की मोनानंद व मैरी गिब्सन, डेनमार्क के ज्ञानधर्मा व जर्मनी के बारबरा मुंज आदि रामगढ़ क्रेटर को देखने पहुंचे। उन्होंने यहां उल्का पिंड गिरने व उसके लावे से बने पहाड़ को भी देखा। यहां के एक दर्जन से ज्यादा जलाशयों को भी उन्होंने बारीकी से निहारा। इस बीच पहाडिय़ों की खूबसूरती व इस खगोलीय घटना के बारे में और जानने की उत्सुकता भी जगाई।
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मन अभी भरा नहीं
डेनिस मिलर ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कहा कि आई फील वेरी फोरच्युनेट तो मैरी गिब्सन ने कहा कि रामगढ़ क्रेटर स्पार्कस माई इंटरेस्ट। उन्होंने कहा कि वे एडवेंचर स्पोटर््स के सदस्य हैं। इंडोनेशिया में भी क्रेटर देखा पर ऐसा नहीं, यहां कुछ अलग ही नजारा है। डेनिस मिलर ने यह भी कहा कि वे निर्वाण वन फाउंडेशन से जुड़े हुए हंै। एक बार फिर यहां आने की तमन्ना है, मन अभी नहीं भरा। सुविधाओं के अभाव से हुए हैरान –तीन देशों से आए पर्यटकों को रामगढ़ की वादियां पसंद आई और उन्होंने यह भी एक स्वर में कहा कि यहां ट्यूरिज्म बढऩा चाहिए, लेकिन उन्हें यहां नेट की कनेक्टिविटी न होना खूब अखरा। यहां ठहरने के लिए अच्छा होटल व धर्मशाला भी नहीं है। खाना भी नहीं मिलता इसके अलावा टैक्सी की सुविधा न होना भी खला।
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जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
डेनमार्क से आए ज्ञानधर्मा ने हारमोनियम की धुन पर जय हनुमान ज्ञान गुण सागर…गाते हुए हनुमान चालीसा का कंठस्थ पाठ सुनाया तो जर्मनी की बारबरा मुंज ने संगत की। हाड़़ौती के कलाकारों के लोक गीतों पर विदेशी पावणे झूमते रहे। भंडदेवरा को निहारा—
सैलानियों ने दसवीं शताब्दी के भंडदेवरा मंदिर को भी निहारा व जब उन्हें बताया गया कि यहां आध्यात्म को काम से जोड़ती दुर्लभ मूर्तियों का भंडार था, लेकिन अब न के बराबर रह गया तो उन्हें बड़ी उत्सुकता हुई और वे जीर्ण-शीर्ण भग्नावशेष में ऐसी मूर्तियां ढूंढते नजर आए। वे इस स्थल की उचित सारसंभाल नहीं होने से व्याकुल नजर आए।
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