छेड़छाड़ में भी इजाफा
जिले में छेड़छाड़ की घटनाओं पर भी अंकुश नहीं रहा। दो वर्ष पहले छेड़छाड़ को लेकर 195 घटनाएं हुई थी। उसके बाद वर्ष 2016 में 226 तो अब इस वर्ष नवम्बर तक करीब 258 प्रकरण दर्ज हो चुके है। इनमें से करीब 93 प्रकरण जांच के दौरान झूठे मिले तो 152 प्रकरणों में चालान पेश किया ।
जिले में छेड़छाड़ की घटनाओं पर भी अंकुश नहीं रहा। दो वर्ष पहले छेड़छाड़ को लेकर 195 घटनाएं हुई थी। उसके बाद वर्ष 2016 में 226 तो अब इस वर्ष नवम्बर तक करीब 258 प्रकरण दर्ज हो चुके है। इनमें से करीब 93 प्रकरण जांच के दौरान झूठे मिले तो 152 प्रकरणों में चालान पेश किया ।
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जिले के पांच थानों में हुई महिलाओं के प्रति अपराधिक घटनाओं ने महिला अत्याचार का ग्राफ बिगाड़ दिया। जिले के नाहरगढ़ थाने में गत वर्ष ज्यादती की एक भी घटना दर्ज नहीं हुई थी, लेकिन इस वर्ष इनकी संख्या पांच रही। इसी तरह भंवरगढ़ व मांगरोल में भी पिछले वर्ष एक भी ज्यादती का मामला सामने नहीं आया था। इस वर्ष वहां तीन-तीन मुकदमें दर्ज हुए। छबड़ा में गत वर्ष की अपेक्षा 5 तो अटरू में भी तीन घटनाएं बढ़ गई।
& गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जिले में यूं तो सभी तरह के अपराधों में कमी है। महिला अत्याचार सम्बंधी कुछ मामले अधिक दर्ज हुए हंै, लेकिन इनमें से कई मामले जांच में झूठे भी मिले हैं।
डीडी सिंह, पुलिस अधीक्षक
जिले के पांच थानों में हुई महिलाओं के प्रति अपराधिक घटनाओं ने महिला अत्याचार का ग्राफ बिगाड़ दिया। जिले के नाहरगढ़ थाने में गत वर्ष ज्यादती की एक भी घटना दर्ज नहीं हुई थी, लेकिन इस वर्ष इनकी संख्या पांच रही। इसी तरह भंवरगढ़ व मांगरोल में भी पिछले वर्ष एक भी ज्यादती का मामला सामने नहीं आया था। इस वर्ष वहां तीन-तीन मुकदमें दर्ज हुए। छबड़ा में गत वर्ष की अपेक्षा 5 तो अटरू में भी तीन घटनाएं बढ़ गई।
& गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जिले में यूं तो सभी तरह के अपराधों में कमी है। महिला अत्याचार सम्बंधी कुछ मामले अधिक दर्ज हुए हंै, लेकिन इनमें से कई मामले जांच में झूठे भी मिले हैं।
डीडी सिंह, पुलिस अधीक्षक