यह भी पढ़े:-शनि जयंती पर किया यह काम तो जीवन भर पड़ेगा पछताना
जौनपुर के बाहुबली नेता उमाकांत यादव ने बसपा ज्वाइन कर ली है और जौनपुर से बसपा उन्हें प्रत्याशी बना सकती है। ऐसे में आम यादव वोटर तुरंत ही उमाकांत यादव के साथ जुड़े जायेगा। बसपा के सिंबल के चलते पार्टी का कैडर वोटर भी उमाकांत को वोट देगा। ऐसे में गठबंधन को लेकर विरोधी दल किसी प्रकार का भ्रम नहीं फैला पायेगा। जौनपुर की तरह ही एसपी भी कई दलित प्रत्याशी उतारेगी। सपा का यादव कैडर वोटर पार्टी का सिंबल देख कर वोट करेगा। बसपा का वोटर भी दलित प्रत्याशी होने के चलते सपा से जुड़ता जायेगा। दूसरी भाषा में कहे तो सपा व बसपा के कैडर वोटरों को एक-दूसरे दल के लोग प्रत्याशी बनायेंगे। यह फार्मूला सफल हो जायेगा, क्योंकि गठबंधन में अपनी जाति के नेता होने के चलते कैडर वोटरों को एक-दूसरे दल के लिए वोट करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
यह भी पढ़े:-बाहुबली मुख्तार अंसारी को बीएसपी से लग सकता है झटका, नहीं पूरी हो पायेगी यह मांग
सपा व बसपा का नया फार्मूला हिट होगा। बीजेपी या अन्य दल गठबंधन का खेल बिगाडऩे के लिए कैडर वोटरों की जाति वाले प्रत्याशी को भी खड़ा करती है तो भी नुकसान नहीं होगा। सपा व बसपा का नया फार्मूला इतना जबरदस्त है कि गठबंधन से नाराज वोटर भी मान जायेंगे। बीजेपी के स्टार प्रचारक पीएम नरेन्द्र मोदी व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सारी रणनीति भी इस फार्मूले के आगे फेल साबित हो सकती है। यूपी की सीएम योगी सरकार ने जिस तरह से जातिवाद कार्ड खेला है उसका फायदा भी गठबंधन के ही प्रत्याशी हो होगा।
यह भी पढ़े:-बाहुबली रमाकांत यादव के खिलाफ बीजेपी ने बनाया इस विधायक को प्रत्याशी तो सियासत में आ जायेगा तूफान