लोकसभा चुनाव 2019 में बाहुबली मुख्तार अंसारी ताल ठोंकने को तैयार है। मुख्तार अंसारी के अलावा उनके पुत्र अब्बास अंसारी व भाई अफजाल अंसारी भी चुनाव लडऩे की तैयारी में है। मुख्तार अंसारी की पार्टी कौएद का सपा में विलय हो चुका था लेकिन
अखिलेश यादव के चलते
मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव की एक नहीं चली और कौएद से सपा का विलय खत्म हो गया था इसके बाद मुख्तार अंसारी ने बसपा का दामन थाम लिया है। खुद बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुख्तार अंसारी को पार्टी में शामिल किया है। बसपा के ही टिकट पर मुख्तार अंसारी ने वर्ष 2017 व उनके बेटे अब्बास अंसारी ने चुनाव लड़ा था। मुख्तार अंसारी को मऊ सदर से जीत मिली थ्ज्ञी जबकि बेटे अब्बास अंसारी मऊ घोसी विधानसभा सीट से चुनाव हार गये थे। इसके बाद मुख्तार अंसारी के बेटे ने आजमगढ़ में जाकर चुनाव तैयारी शुरू कर दी थी लेकिन रमाकांत यादव के सपा में शामिल होने की अटकलों के बीच मुख्तार परिवार का तगड़ा झटका लगा है।
यह भी पढ़े:-इन चीनी मिलों को बेचने के आरोप में सीबीआई ने शुरू की जांच, मायावती के साथ नसीमुद्दीन सिद्दिकी पर गिर सकती है गाज तो फिर मुख्तार अंसारी के परिवार को मिलेगा एक ही टिकटसपा व बसपा गठबंधन में मुख्तार अंसारी को एक ही टिकट मिल पायेगा। रमाकांत यादव सपा में चले जाते हैं तो आजमगढ़ से सपा व बसपा के संयुक्त प्रत्याशी हो सकते हैं। उमाकातं यादव ने बसपा का दामन थाम लिया है। ऐसे में मुख्तार अंसारी के परिवार के पास सिर्फ गाजीपुर की सीट ही बचती है। बलिया सीट से अफजाल अंसारी संसदीय चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली थी। घोसी संसदीय सीट भी सपा व बसपा गठबंधन में जा सकती है यदि ऐसा होता है तो मुख्तार अंसारी के परिवार को एक ही सीट मिल पायेगी। हालांकि अभी प्रत्याशी बनाने को लेकर सपा व बसपा ने चुप्पी साधी है लेकिन जो समीकरण बन कर आ रहे हैं उससे मुख्तार अंसारी को एक से अधिक टिकट लेने के मामले में झटका लग सकता है।
यह भी पढ़े:-बाहुबली रमाकांत यादव के खिलाफ बीजेपी ने बनाया इस विधायक को प्रत्याशी तो सियासत में आ जायेगा तूफान