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कोटा

लहसुन छंटनी को लेकर अधिकारियों की मुश्किल बढ़ी

खरीदार छंटनी पर अड़े, जगह नहीं बची खरीद केन्द्रों पर

कोटाJun 29, 2018 / 06:44 pm

​Zuber Khan

garlic

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कोटा. बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत 3257 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में किसानों से खरीदा गया लहसुन अब अधिकारियों के लिए गलफांस बन गया है। मंडी में रखे लहसुन के उठाव के लिए अधिकृत अधिकारी बार-बार खरीदारों से बोल रहे हैं, लेकिन खरीदार लहसुन की छंटनी कर उठाव की मांग कर रहे हैं। इसके चलते मंडी के पांच नीलामी स्थलों में एक सप्ताह से 35 हजार कट्टों से अधिक लहसुन भरा पड़ा है। नीलामी स्थल खाली नहीं होने से मंडी प्रशासन अधिकारियों पर टीनशेड खाली कराने का दबाव बना रहा है। इधर, लहसुन खरीद की अंतिम तिथि 30 जून होने के कारण भामाशाह मंडी में संचालित दोनों खरीद केंद्रों पर लहसुन बेचने के लिए किसानों की भीड़ लगी है। रोजाना 5 हजार कट्टे लहसुन की तुलाई हो रही है। उठाव 2500-3000 कट्टों का ही हो पा रहा है। एेसे में यहां शेड़ लगातार भरते जा रहे हैं।
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एेसे फंसा पेच
बाजार हस्तक्षेप योजना में 3257 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में खरीदा गया लहसुन दिल्ली की आजादपुरा मंडी में औने पौने दामों (400-1200 रुपए प्रति क्विंटल) में बिका तो अधिकारियों ने उस लहसुन को स्थानीय खरीद केंद्र पर ही व्यापारियों, खरीदारों को बेचने की ऑनलाइन बिड लगाना (टेंडर निकालना) शुरू किया। भामाशाह मंडी में प्रदेश से बाहर के आधा दर्जन व्यापारियों ने बिड लगाई। उन्होंने खरीद केंद्र को लहसुन का भुगतान भी कर दिया, लेकिन अब व्यापारी लहसुन की छंटनी करके उठाव की मांग कर रहे हैं। खरीद केंद्र अधिकारी एक तरफा उठाव कराना चाह रहे हैं। एेसे में खरीदार लहसुन का उठाव नहीं कर रहे। एक सप्ताह से हो रही बरसात, उमस के चलते यहां शेडों में रखा 20 फीसदी लहसुन खराब हो गया है।

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बिड लगने के बाद खरीदारों को कट्टे उठाव के लिए निर्देश दे दिए, लेकिन वे छंटनी कर उठाव करना चाह रहे हैं। व्यापारी मांग के अनुसार माल उठा रहे हैं। खरीद की अंतिम तिथि 30 जून नजदीक होने से किसान भी लहसुन बेचने पहुंच रहे हैं। एेसे में जितना माल उठ रहा है, उससे डेढ़ गुना अधिक माल जमा हो रहा है।
-बीना बैरवा, महाप्रबंधक, क्रय विक्रय सहकारी समिति, कोटा
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