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बीएसपी ने पीएम मोदी सरकार को एससी/एसटी विरोधी बताया था और संसद से लेकर सड़क तक पर इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था। पीएम मोदी सरकार के एससी/एसटी एक्ट पर अध्यादेश लाने के बाद बसपा का तेवर नरम पड़ गया है। बीजेपी ने एससी/एसटी एक्ट विरोधी पार्टी होने की छवि से काफी हद तक छुटकारा पा लिया है इसलिए बसपा के लिए बीजेपी अब पहले जैसी विरोधी पार्टी नहीं रह गयी है।
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सवर्ण से लेकर पिछड़ा वर्ग के लोग एससी/एसटी एक्ट को लेकर बीजेपी को घेरने में जुटे हुए हैं उसी समय सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर को रिहा कर एक और एससी/एसटी एक्ट कार्ड खेला है। सूत्रों की माने तो बीजेपी का एससी/एसटी एक्ट प्रेम देखते हुए बसपा के एक वरिष्ठ नेता इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता से संपर्क में है। यदि चर्चा सही है और बीजेपी व बीएसपी में गठबंधन हो जाता है तो दोनों ही दल को बड़ा फायदा हो सकता है। बीजेपी को यूपी में अपनी स्थिति मजबूत करने में आसानी होगी। साथ ही बीएसपी भी प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर पायेगी।
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