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रईस बनारसी व दीपक वर्मा एक साथ राकेश अग्रहरि की हत्या करने गये थे। दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के पतालेश्वर स्थित आवास के पास राकेश अग्रहरि बैठा था। रईस को शक था कि उसके खास आदमी प्रभु साहनी की हत्या में राकेश अग्रहरि शामिल था और बदला लेने के लिए ही दोनों वहां पर पहुंचे थे। सूत्रों की माने तो रईस ने बाइक से उतरते ही राकेश से कहा था कि अब तेरा अंत आ गया है। इतना सुनते ही राकेश ने कहा कि मौत तो तेरी आयी है और राकेश ने असलहा निकाल कर रईस पर फायरिंग कर दी। राकेश की गोली से रईस व दीपक वर्मा दोनों ही घायल हो गये। सूत्रों की माने तो राकेश की गोली फंस गयी थी इसी बीच दीपक वर्मा ने राकेश से असलहा छीन लिया और फायर करके उसे मार दिया। रईस को गर्दन में गोली लगी थी वह अपने खास मुमताज के पास जाना चाहता था इसलिए इनामी बदमाश दीपक वर्मा के साथ वह नई सड़क पहुंचा। दीपक ने रईस को वही पर छोड़ दिया। इसके बाद दीपक वर्मा बाइक लेकर चला आया। घायल रईस लगातार मुमताज को बुलाने की बात करता रहा ओर थोड़ी देर में उसका अंत हो गया। बाबू यादव की तरह ही रईस भी विरोधी से बदला लेने में मारा गया।
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