सूत्रों के अनुसार प्लेटफॉर्म दो और तीन पर बने दफ्तर और प्रतीक्षालयों को हटाया जाएगा। यहां केवल यात्रियों के लिए बेसिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। प्लेटफॉर्म खुला-खुला नजर आएगा। यहां बने प्रतीक्षालय और दफ्तर फुट ओवरब्रिज पर शिफ्ट हो जाएंगे। कोटा जंक्शन पर करीब 60 मीटर चौड़ा नया फुटओवर ब्रिज बनाया जाएगा। इस फुट ओवरब्रिज के दोनों ओर यात्री प्रतीक्षालय बनाए जाएंगे। फूडकोर्ट और अन्य कई सुविधाएं भी इसी पर होंगी। ट्रेनों की प्रतीक्षा करने वाले यात्रियों को नीचे आने की जरूरत नहीं रहेगी। इससे प्लेटफॉर्म पर गंदगी भी नहीं फैलेगी।
डकनिया स्टेशन भी होगा विकसित
डकनिया स्टेशन का विकास भी सार्वजनिक निजी भागीदारी पद्धति पर किया जाएगा। यहां भी निजी संस्था को व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जमीन उपलब्ध कराएगा। इससे होने वाली आय को डकनिया स्टेशन और कोटा जंक्शन पर खर्च किया जाएगा। डकनिया स्टेशन को आदर्श स्टेशन बना जाएगा।
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होटल भी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध
योजना के अनुसार करीब 40 कमरों का एक होटल भी डीलक्स रिटायरिंग रूम की तर्ज पर प्लेटफॉर्म नम्बर एक पर पहली मंजिल पर बनाया जाना प्रस्तावित है। स्टेशन पर आने वाले और स्टेशन से जाने वाले यात्रियों के लिए निकास भी अलग-अलग होगा।
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मॉल जैसी सुविधा
स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया का विकास भी किया जाएगा। यहां मान्यता प्राप्त संगठनों के बड़े सभागारों को हटाकर बहुमंजिला मॉल का निर्माण होगा। इन संगठनों को भी हॉल बनाकर यहीं जगह दे दी जाएगी। इस बहुमंजिला मॉल का निर्माण पीपीपी मोड पर होगा। इससे होने वाली आय का उपयोग कोटा जंक्शन के पुनर्विकास पर खर्च किया जाएगा।
तैयारी में जुटे
नेशनल बिल्डंग कंस्ट्रेक्शन कॉर्पोरेशन स्टेशन का पुनर्विकास कराएगा, लेकिन इसके प्रारूप को स्वीकृति कोटा मंडल रेल प्रशासन ही देगा। डीआरएम यू.सी. जोशी और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर समन्वय मनीष गुप्ता पूरी टीम के साथ इस प्रोजेक्ट का प्लान तैयार करने में जुटे हैं।