मोटर मार्केट से 14 किशोरों को बालश्रम से मुक्त कराया
इस तरह हुआ घटनाक्रम
बंशीलाल सैनी ने कोटा डेयरी के चेयरमैन श्रीलाल गुंजल समेत अन्य के द्वारा उन्हें परेशान करने का आरोप लगाते हुए सुसाइड नोट लिखा। इसके बाद उसने 19 मई को जहरीला पदार्थ खा लिया। तबीयत खराब होने पर परिजनों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दो दिन तक जिंदगी से जंग लड़ने के बाद 21 मई को उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने 22 मई को ही पुलिस को सुसाइड नोट बता दिया था। इसके बावजूद पुलिस ने 8 दिन तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की। परिजनों व समाज द्वारा आंदोलन व प्रदर्शन करने के बाद पुलिस ने 30 मई को श्रीलाल गुंजल समेत तीन जनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मुकदमा दर्ज कर लिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस श्रीलाल के भाई विधायक प्रहलाद गुंजल के दबाव में आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही, जबकि आरोपियों की गिरफ्तारी व परिवार को आर्थिक सहायता की मांग को लेकर सभी जगह शांतिपूर्ण धरने व प्रदर्शन किए जा चुके हैं। मृतक बंशीलाल के 15 साल का पुत्र व व 12 साल की पुत्री है।
परिजनों के साथ माली समाज ने रखा एक दिवसीय उपवास-डीसी कार्यालय के सामने धरने पर बैठे
कोटा . तालेड़ा थाना क्षेत्र में डेयरी बूथ संचालक बंशीलाल सैनी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर हाड़ौती माली संघर्ष समिति की ओर से सोमवार को संभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने एक दिवसीय उपवास रखा गया। जिसमें मृतक बंशीलाल के परिजन भी शामिल हुए।
संघर्ष समिति के प्रवक्ता राजेन्द्र सुमन ने बताया कि उपवास में बंशीलाल के पिता राधेश्याम व पुत्र अभिषेक और माली समाज लोग व आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। सुबह से शाम तक वे उपवास पर रहे। इसके बाद राज्यपाल के नाम संभागीय आयुक्त को ज्ञापन दिया गया। गौरतलब है कि सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने कोटा सरस डेयरी के चेयरमैन श्रीलाल गुंजल समेत तीन जनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मुकदमा तो दर्ज कर लिया। श्रीलाल कोटा उत्तर विधायक प्रहलाद गुंजल का भाई है, इसलिए राजनीतिक दबाव में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी, 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता व एक परिजन को स्थायी नौकरी की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया। परिजन और समाज कई धरने प्रदर्शन और ज्ञापन दे चुके हैं। यदि अभी भी कोई कार्यवाही नहीं होती है तो समाज के लोग गांव व कस्बों तक उग्र आंदोलन करेंगे। उपवास में ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष गिर्राज सेन, राजेन्द्र मीणा, पार्षद मोहम्मद हुसैन, नवीन पालीवाल व राकेश दाधीच समेत कई लोग शामिल हुए।