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कोटा

मेडिकल कॉलेज में गायनिक वार्ड फुल, महिलाओं व बच्चों के लिए बेड खत्म

एक तरफ राज्य सरकार जननी-शिशु सुरक्षा योजना को बढ़ावा दे रही है, लेकिन अस्पतालों में हालात इसके विपरित है।

कोटाApr 11, 2018 / 03:43 pm

shailendra tiwari

Medical college
कोटा .

एक तरफ राज्य सरकार जननी-शिशु सुरक्षा योजना को बढ़ावा दे रही है, लेकिन अस्पतालों में हालात इसके विपरित है। अस्पतालों में जननी-शिशु को बेड तक नसीब नहीं हो रहे है। मजबूरन उन्हें नीचे सोना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गायनिक वार्ड को देखे तो वह इन दिनों फुल चल रहा है। यहां क्षमता से तीन गुना अधिक महिला मरीज आ रही है। इसके चलते अस्पताल प्रशासन बेड के लिए पर्याप्त व्यवस्था के बंदोबस्त नहीं कर पा रहा है। मजबूरन में महिला मरीजों को नीचे सोना पड़ रहा है या जेके लोन अस्पताल में रैफर करना पड़ता है।
डीसीएम निवासी कमलेश बाई अपनी बहु की डिलेवरी करवाने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। उसने एक बच्चे को जन्म दिया। जन्म के बाद उसे बेड नहीं मिला। आखिरकार उसे लेबर रूम के बाहर नीचे सोना पड़ा। संतोषी नगर निवासी पूनम को भी डिलेवरी हुई। उसे भी पुत्र रत्न हुआ, लेकिन उसे भी बेड नहीं मिला। आखिरकार उसे भी नीचे ही बच्चे के साथ सोना पड़ा।
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कहां क्या हाल

लेबर रूम
इस वार्ड में डिलेवरी करवाने वाली महिलाओं को रखा जाता है। 8 बेड के इस रूम में 24 मरीजों की वेटिंग चल रही है। यहां पर्याप्त बेड नहीं होने के कारण मजबूरी में मरीजों को इधर-उधर शिफ्ट करना पड़ रहा है।
एंटी नेटल वार्ड (एएनसी)

इस वार्ड में डिलेवरी से पहले या महिला मरीज को ब्लड चढ़ाना हो तो ऐसी महिलओं को भर्ती किया जाता है। यहां 22 बेड है, लेकिन 22 ही फुल चल रहे है।
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पीएनसी वार्ड
इस वार्ड में नॉर्मल डिलेवरी वाले मरीजों को भर्ती किया जाता है। 22 वार्ड है, लेकिन पूरे भरे पड़े है। मरीजों को गैलरियों में अलग से बेड देखकर भर्ती किया हुआ है।

पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड

इस वार्ड में सीजिरियन, महिला के पेट में पानी भरने की समस्या जैसी बीमारियों के मरीज भर्ती किए जाते है। इसमें 22 बेड है, लेकिन पूरे भर्ती है। गेलरिया व अन्य जगहों पर भी 10 से 20 बेड अतिरिक्त लगे है, लेकिन उनमें भी मरीज भर्ती है। अन्य मरीजों को नीचे ही सोना पड़ता है।
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स्त्री रोग विभाग विभागाध्यक्ष डॉ. बीएल पाटीदार ने कहा कि अस्पताल में मरीज लगातार बढ़ रहे है। इसके लिए अलग से वार्ड व बेड बढ़ाने के लिए उच्चाधिकारियों को लिख चुके है।
न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ. देवेन्द्र विजयवर्गीय ने कहा कि अस्पताल में क्षमता से तीन गुना अधिक मरीज आ रहे है। बावजूद उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा दे रहे है। गायनिक वार्ड में जगह की कमी के चलते बेड की व्यवस्था नहीं कर पा रहे है। अन्य वार्डों में खाली जगहों पर बेड लगा रखे है। बावजूद मरीज आ रहे है। अस्पताल के दूसरे तल का निर्माण होगा। उसमें गायनिक आईसीयू वार्ड का निर्माण होगा। उसमें और अच्छी सुविधाएं देंगे।
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