गाजियाबाद. अनंतनाग में
अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमले के बाद से बस के ड्राइवर सलीम को हीरो की तरह पेश किया गया है। इस घटना से संत समाज के लोगों की भावनाओं को भी खासी ठेस पहुंची है। प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी ने इस मुद्दे पर पत्रिका के साथ में विशेष बातचीत की और
अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमले के बाद हीरो बने बस चालक सलीम की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
रात में बस लेकर क्यों निकला सलीम जूना अखाड़ा के महामंत्री और दूधेश्वरनाथ मंदिर के महंत नारायण गिरी के मुताबिक इस हमले में जितने भी लोग मारे गए हैं उनका आंतकियों को शाप लगेगा। सात पीढ़ियों तक कोई सुख उन लोगों को नहीं मिलेगा। इसके अलावा बस के ड्राइवर सलीम की भूमिका की जांच होनी चाहिए। पहले से मालूम था कि रात के समय में बस को ले जाना सुरक्षित नहीं फिर भी वो वहां से बस लेकर गया।
पति गया दुबई नौकरी करने, यहां हो गई पत्नी की हत्या कश्मीर के लोग पहले से उड़ाते हैं मजाक महंत गिरी का कहना है कि यात्रियों के साथ हुए हादसे के बाद लोग मुस्कराते रहे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। जब वो सन 1980 से 1984 के बीच में
अमरनाथ में छड़ी के पुजारी थे और 181 किलोमीटर यात्रा लेकर जाते थे। तब भी वहां के लोग मजाक बनाने का काम करते थे।
सोशल मीडिया का सकारात्मक इस्तेमाल सही महंत नारायण गिरी के मुताबिक संत समाज के लोगों के लिए सोशल मीडिया का सकारात्मक इस्तेमाल सही है। वैदिक हिंदू सनातनी का युग कभी समाप्त नहीं हो सकता है। विश्व में जब भी अंधेरा हुआ है तब भारत ने राह दिखाने का काम किया है।