बूंदी पुलिस को इस कदर सताया बाहुबली विधायक का खौफ कि हत्या के आरोपित की गिरेबां पकडऩे में कांप गया हाथ चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में शामिल हाड़ौती माली संघर्ष समिति के प्रमुख राजेंद्र सुमन, माली सैनी युवा जागृति मंच के संभागीय अध्यक्ष सुनील गहलोत, युवा जागृति मंच के मीडिया प्रभारी कपिल गहलोत, राष्ट्रीय प्रताप फांउडेशन के सदस्य नितिन गुप्ता ने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अवगत कराया कि मृतक बंशीलाल बूंदी जिले के तालेड़ा क्षेत्र के नया बरधा निवासी है। जो 20 साल से सरस डेयरी संचालित कर रहा है। डेढ़ दशक से जिसके पास डेयरी द्वारा दिया गया बीएमसी है। जिसका वह दूध संग्रहण में उपयोग कर रहा है।
कोटा डेयरी चेयरमैन श्रीलाल गुंजल ने जिसे बीएमसी लौटाने का दबाव बनाया। साथ ही रुपए वसूलने के लिए लगातार धमकाते रहे। बंशीलाल ने परेशान होकर 19 मई को जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। जिसके द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया गया। बंशीलाल दो दिन तक अस्पताल में भी भर्ती रहा, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस प्रशासन ने बंशीलाल के बयान तक नहीं लिए।
कोटा के इस बाहुबली विधायक के ‘रौब’ से ‘खौफ’ खाती है बूंदी पुलिस बंशीलाल की मौत के बाद सुसाइड नोट के आधार पर डेयरी चेयरमैन श्रीलाल गुंजल के खिलाफ नामजद रिर्पोट दर्ज कराने के बावजूद भी पुलिस प्रशासन द्वारा राजनीतिक दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई। समाज के लोगों द्वारा धरना प्रदर्शन कर दबाव बनाने के 8 दिन बाद भी पुलिस ने सिर्फ हत्या का मामला ही दर्ज किया। बंशीलाल की मौत के 20 दिन बाद भी पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव के चलते अभी तक अभियुक्तों केा गिरफ्तार नहीं कर रहा। जबकि अभियुक्तों की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर बूंदी कलक्ट्री पर समाज के लोगों ने धरना प्रदर्शन किए, ज्ञापन भी दिए।
इन्होंने भी सौंपे ज्ञापन नॉर्दन बाईपास किसान संघर्घ समिति के संयोजक नंदलाल मीणा, हेमराज नागर, सह संयोजक बृजराज मीणा, भैरूशंकर गुर्जर ने कोटा शहर के उत्तरी बाईपासके निर्माण कार्य को पूर्ण कराने के लिए किसानों को संशोधित मुआवजा दिलाने की मांग की।
श्री वैष्णव अग्रवाल मौमियान पंचायत अध्यक्ष कैलाशचंद गुप्ता, उपाध्यक्ष संजय गुप्ता, महासचिव चेतनप्रकाश मित्तल ने महाराजा अग्रसेन चिकित्सालय एवं वृद्धाश्रम के लिए अग्रवाल जिला सम्म्ेलन एवं सम्पूर्ण अग्रवाल समाज को भूमि आवंटित कराने की मांग की। अफीम उत्पादक संघर्ष समिति के संयोजक भवानीशंकर धरतीपकड़ ने नई अफीम नीति में संशोधन व 20 साल से निरस्त अफीम पट्टों की जांच कराने, अफीम उत्पादक किसानों के बीमा व बंदूक के लाइसेंस जारी कराने की मांग की।