नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति की आधिकारिक जमीन के अंदर बनी झुग्गियों को हटाए जाने पर सवाल उठाया है। इस बारे में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। बताया जा रहा है कि यह झुग्गी वहां पर पिछले 40 साल से बनी हुई थी।
अदालत ने इस सिलसिले में नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) और दिल्ली अरबन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है। अदालत ने उनसे पूछा है कि इस कथित झुग्गी में रहने वाले लोगों को मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट सहित बाकी सरकारी पहचान पत्र किस तरह जारी किए गए।
नोटिस जारी करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा, 'उनके पास राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र है। उनसे पास पासपोर्ट भी है। अगर आपने किसी शख्स को किसी पते पर पासपोर्ट जारी किया है, तो प्रशासन उसे वहां से नहीं हटा सकता है। उनके पास सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किया गया पहचान पत्र ही है।'
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रपति की आधिकारिक जमीन के अंदर बनी झुग्गियों को हटाए जाने पर सवाल उठाया है। इस बारे में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। बताया जा रहा है कि यह झुग्गी वहां पर पिछले 40 साल से बनी हुई थी।
अदालत ने इस सिलसिले में नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) और दिल्ली अरबन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है। अदालत ने उनसे पूछा है कि इस कथित झुग्गी में रहने वाले लोगों को मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट सहित बाकी सरकारी पहचान पत्र किस तरह जारी किए गए।
नोटिस जारी करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा, 'उनके पास राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र है। उनसे पास पासपोर्ट भी है। अगर आपने किसी शख्स को किसी पते पर पासपोर्ट जारी किया है, तो प्रशासन उसे वहां से नहीं हटा सकता है। उनके पास सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किया गया पहचान पत्र ही है।'