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योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली को लेकर ओमप्रकाश राजभर को नाराजगी थी। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से लेकर बीजेपी के कई मंत्रियों ने ओमप्रकाश राजभर को मनाने का प्रयास किया था लेकिन वह अमित शाह से वार्ता करने की बात पर डटे हुए थे इसके बाद अमित शाह ने ओमप्रकाश राजभर को वार्ता के लिए बुलाया। घंटों चली वार्ता के बाद यूपी के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर मान गये हैं। अमित शाह ने कहा कि 10 अप्रैल को वह लखनऊ में आयेंगे और अपने सामने ही सीएम योगी व ओमप्रकाश राजभर से वार्ता करायेंगे। इसके बाद ओमप्रकाश राजभर का गुस्सा ठंडा हो गया है। सूत्रों की माने तो वार्ता के दौरान सुभासपा के और विधायक को मंत्री पद देना व लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन के तहत सुभासपा को न्यूनतम एक सीट देने पर भी सहमति बनी है इसके बाद ही वार्ता सफल हो पायी है। सुभासपा व बीजेपी के बीच का तनाव खत्म होने से राज्यसभा चुनाव में भगवा पार्टी का फायदा होना तय है।
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अनुप्रिया पटेल भी जता चुकी है नाराजगी, अब अपना दल को मानने में जुटी बीजेपीअनुप्रिया पटेल ने भी यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये हैं। अपना दल के नेताओं ने यह तक कह दिया है कि जिले में सवर्ण के साथ पिछड़ी जाति के अधिकारियों को भी महत्वपूर्ण पद दिया जाये। पूर्व में अपना दल के नेताओं ने कहा था कि बीजेपी गठबंधन धर्म की अनदेखी करती है तो अपना दल के विधायक अब बीजेपी के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे। बीजेपी सूत्रों की माने तो पार्टी को विश्वास है कि चुनाव से पहले अपना दल के नेताओं की नाराजगी दूर कर ली जायेगी और गठबंधन के सभी दल मिल कर बीजेपी प्रत्याशी को राज्यसभा में भेजेंगे।
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