पठानकोट। नोटबन्दी के कारण यहां बैंकों में लम्बी लम्बी कतारें लगी हुई है और मेट्रो सिटी में लोग एटीएम् के बाहर ही बिस्तरे लगा कर बैठें हुए हैं। ये सरकार के दावों की पोल खोल रहे है की कहीं भी नगदी की किल्लत नहीं हैं। किसी को भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी। पठानकोट में भी हालात ऐसे है की लोग लम्बी कतारों में घण्टों खड़े होने को मजबूर हैं। कुछ बैंकों में रिजर्व बैंक के निर्देशों अनुसार लोगों को नगदी की निकासी के लिए हजार रुपये तक ही अकाउंट होल्डर को दिए जा रहे हैं। मजेदार बात यह है की वह भी पांच पांच रुपए के सिक्कों की शक्ल में जिस को उठाने के लिए सीनियर सिटीजन को एक सहायक की जरूरत पड़ती है क्योकि एक हजार रुपए के सिक्कों का वजन एक किलो से ज्यादा है लेकिन उपभोक्तओं को मजबूरी में सिक्कों को स्वीकार करना पड़ता है , लोग कह रहें है की नरेंद्र मोदी का फैसला तो सही है लेकिन इसको लागू करने वाले उसकी सोच के अनुसार लागू नहीं कर रहे हैं जिस से उनको परेशान होना पड़ रहा है।
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