भोपाल। आखिर शराब बंदी की दिशा में मध्यप्रदेश सरकार ने ठोस कदम बढ़ाने शुरू कर ही दिए। मध्यप्रदेश कैबिनेट ने सोमवार को नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी। इस नीति के लिए ये संकेत मिले हैं कि सरकार शराब बंदी को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है। नई नीति में यह तय किया गया है कि अब कोई नई शराब की दुकान प्रदेश में नहीं खुलेगी। साथ ही नर्मदा नदी के किनारे अभी 58 वाइन शॉप हैं, उन्हें बंद किया जाएगा। नर्मदा किनारे से 5 किमी के दायरे में कोई भी शराब की दुकान नहीं रहेगी। जबकि नेशनल हाई-वे के किनारे बनी शराब दुकानों को हाई-वे से 500 मीटर की दूरी पर रखा जाएगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि एमपी में अभी जितनी भी शराब की दुकानें हैं, उनके बाहर अब बोर्ड लगाया जाएगा। इस बोर्ड पर लिखा रहेगा- मदिरा पान हानिकारक है। इतना ही नहीं आबकारी विभाग इन शराब दुकान मालिकों से उन शराबियों की लिस्ट मांगी जाएगी, जो आदतन शराबी हैं। कैबिनेट ने नई आबकारी नीति 2017 को मंजूरी देते हुए और भी कई बातें तय कीं।
नई शराब नीति में ये प्रमुख बिंदु
– मदिरा पान का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रचार बंद होगा।
– शराब को लेकर जन जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।
– पिछले चार साल में एमपी में शराब की कोई नई दुकान नहीं खुली।
– नर्मदा किनारे से लगभग 5 किमी के दायरे में खुली शराब दुकानें बंद होंगी।
– 1427 शराब दुकानें जो नेशनल हाईवे से 500 मीटर के दायरे में हैं, उन्हें हटाया जाएगा।
– स्कूली पाठ्यक्रम में नशा और शराब के दुष्प्रभाव को बताने वाला अध्याय जोड़ा जाएगा।
– शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– शराब पीकर ड्राइविंग करते हुए पाए जाने पर पहली बार में 6 माह, दूसरी बार में 2 साल के लिए ड्राइविंग लाइसेंस होगा निलंबित। तीसरी बार में होगा रद्द।
– शराब बंदी के लिए राज्य सरकार गुजरात व बिहार में टीमें भेजी जाएंगी, जो सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करेंगी।
– रिपोर्ट के अध्ययन के बाद ही एमपी में शराब बंदी का फैसला होगा।
– शराब की बोतलों पर बड़े-बड़े अक्षरों में उसके दुष्प्रभाव व परिणाम के बारे में प्रकाशित किया जाएगा।
– नशा मुक्त ग्राम में अवॉर्ड योजना सामाजिक न्याय विभाग चलाएगा।
– स्लम व लेबर कॉलोनियों में नशे के दुष्प्रभाव का वृत्त चित्र बताया जाएगा।
– डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, होशंगाबाद, सीहोर, हरदा, देवास, खरगोन, खंडवा में नर्मदा किनारे की शराब दुकानें होंगी बंद।
स्टार्टअप के लिए 100 करोड़ का वेंचर फंड मंजूर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपए के वेंचर फंड को भी मंजूरी दे दी। इस फंड के जरिए स्टार्टअप्स और सूक्ष्य, लघु व मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी। इससे नया उद्योग लगाने वालों को अंशदान मुहैया कराया जाएगा।
कैबिनेट ने ये प्रस्ताव भी किए मंजूर
– नवगठित जिले सिंगरौली और अलीराजपुर में होमगार्ड की जिला इकाई और आगर मालवा में होमगार्ड की कंपनी की स्वीकृति।
– प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार नये उद्यमियों के नवाचार को महत्व दें।
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