गोपीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में लड़की अपने ननिहाल में रहती थी। लड़की को वही के एक युवक से प्रेम हो गया। मौका मिलते ही दोनों एक-दूसरे से मिलने लगे। घर में जब कोई नहीं होता था तो प्रेमिका अपने प्रेमी को बुला लेती थी। तीन दिन पूर्व घर में कोई नहीं था तो प्रमिका ने फिर से अपने प्रेमी को ननिहाल में बुला लिया। इसी बीच घर वाले आ गये और प्रेमी को देख लिया। घरवालों ने प्रेमी को पकड़ लिया और पेड़ से बांध कर उसकी पिटायी करने लगे। प्रेमिका ने परिजनों को रोकने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने। प्रेमिका समझ गयी कि परिजन उसके प्रेमी की जान ले लेंगे। प्रेमिका ने प्रेमी को बचाने के लिए घर में रखा मिट्टी का तेल झिड़क कर खुद को आग के हवाले कर लिया। परिजनों ने जब देखा कि लड़की जल रही है तो सारे लोग प्रेमी को छोड़ कर लड़की को बचाने में जुट गये। जिस प्रेमी को बचाने के लिए प्रेमिका ने खुद को आग के हवाले किया था उस प्रेमी ने देखा कि सारे लोगों का ध्यान लड़की को बचाने पर है तो किसी से बंधन से मुक्त होकर वहां से भाग गया। प्रेमी ने एक बार भी जाकर प्रेमिका की जान बचाने की काशिश नहीं की और वहां से फरार हो गया। परिजनों ने किसी तरह आग बुझायी और लड़की को इलाहाबाद स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया। दो दिन इलाज के बाद लड़की ने दम तोड़ दिया। इसके बाद घटना की जानकारी अन्य लोगों को हुई। परिजनों ने इस मामले की शिकायत पुलिस से नहीं की और शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया। इस घटना को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं को बाजार गर्म हो गया है जिस लड़की ने अपने प्यार को बचाने के लिए खुद की जान दे दी। वही लड़का एक बार भी लड़की को बचाने नहीं आया।
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