सीआई के पक्ष में सड़क पर उतरा जाट समाज, विधायक बोली- एसपी और थाना स्टाफ बदले सरकार
पुलिसकर्मियों ने जिस तरह से उनके साथ व उनके कार्यकर्ताओं के साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट की गई थी। उनके बयान के बाद पुलिसकर्मी दोबारा से किसी के साथ मारपीट करने से पहले दस बार सोचेंगे। इसके लिए उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस केस का जल्दी निस्तारण होना चाहिए। विधायक मेघवाल के साथ उनके पति नरेन्द्र मेघवाल व भाजपा कार्यकर्ता बाबूलाल रैनवाल समेत कई कार्यकर्ता और एडवोकेट राजेश अड़सेला मौजूद थे।
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गौरतलब है कि इस संबंध में एक मामला विधायक की ओर से पुलिस कर्मियों के खिलाफ तो दूसरा मामला पुलिस कर्मियों ने विधायक मेघवाल व उनके पति और भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज कराया था। इन दोनों ही मामलों की जांच सीआईडी सीबी कर रही है।
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यह था मामला विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने 20 फरवरी 2017 को महावीर नगरर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जिसमें कहा था कि उस दिन वे भागवत कथा में गई हुई थी। वहां शाम को उनके पास कार्यकर्ताओं का फोन आया। जिसमें बताया कि वे असामाजिक तत्वों क खिलाफ शिकायत करने थाने में आए थे। यहां पुलिस ने लाठीचार्ज कर उनके साथ मारपीट की है। इस पर वे थाने पहुंची तो कार्यकर्ता बाहर खड़े हुए थे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जिन कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की है उन्हें पुलिस ने थाने में बंद कर रखा है। जब वे अंदर जाने लगी तो पुलिस वालों ने उन्हें रोक दिया और उनके साथ अभद्रता की। इसके बाद शहर अध्यक्ष हेमंत विजय पहुंचे तो वे उनके साथ अंदर गई।
सीआई श्रीाम बड़सरा व आईपीएस चूनाराम जाट समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने उनके साथ मारपीट की। वहां उनके पति नरेन्द्र मेघवाल ने जब उनके व कार्यकर्ता हेमराज नागर, देवीकिशन गुर्जर व बाबूलाल रैनवाल के साथ मारपीट का विरोध किया तो उनका हाथ एक पुलिसकर्मी के लग गया। इसके बाद तो पुलिस वालों ने उनके साथ भी मारपीट करना शुरू कर दिया। आईपीएस ने उनका अपमान भी किया। मारपीट करने वालों में महिला पुलिसकर्मी कुसुमलता, देवेन्द्र शर्मा, सुरेन्द्र, ईश्वर सिंह अशोक शर्मा व खेमचंद समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने सभी के खिलाफ मारपीट, छेड़छाड़ और धारा 3 में मुकदमा दर्ज किया था।
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मामला अंतिम चरण में
सीआडी सीबी के एएसपी मिताली गर्ग ने बताया कि विधायक व पुलिस कर्मियों की ओर से करीब एक साल पहले दर्ज हुए क्रॉस कस की जांच सीआईडी सीबी में चल रही है। लेकिन कुछ समय के लिए फाइल गृह मंत्रालय जयपुर गई हुई थी। साथ ही पुलिस अधिकारियों के अन्य जिलों में स्थानांतरण होने से बयान करवाने में देरी हुई। अब एक-दो जनों को छोड़कर सभी के बयान हो गए हैं। मामला अंतिम चरण में है। इसका शीघ्र निस्तारण हो जाएगा।