script8 दोस्तों की दोस्ती बनी मिसाल, jee main के बाद jee advanced में भी किया टॉप | 8 Batchmate make success story, got selected for IIT | Patrika News

8 दोस्तों की दोस्ती बनी मिसाल, jee main के बाद jee advanced में भी किया टॉप

locationकोटाPublished: Jun 11, 2018 05:54:42 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

कोटा कोचिंग में पढ़े ये 8 दोस्तों ने jee advanced में टॉप 50 में जगह बनाई, अब iit mumbai में कम्प्यूटर साइंस से चार साल साथ रहकर करेंगे पढ़ाई

crack jee advanced

8 दोस्तों की दोस्ती बनी मिसाल, जेईई-मेन के बाद जेईई-एडवांस्ड में भी किया टॉप

कोटा। कोटा से लय जैन jee advanced में रैंक 9, ओडिशा के सुंदरगंज राउरकेला के करण अग्रवाला ने रैंक 21, दिल्ली से नवनील सिंघल रैंक 23, अजमेर से आदित्य अग्रवाल 24, नांदेड़ महाराष्ट्र से पार्थ लटूरिया रैंक 29, मेट्रो सिटी मुम्बई के भास्कर गुप्ता 30वें, पूणे से अर्जुन शशांक 33 और कोटा के यश गुप्ता रैंक 42 पढ़ाई के लिए कोटा में साथ हुए, पहली बार कोटा में Allen Career Institute में एडमिशन के समय मिले, तब तक एक-दूजे से अनजान थे। कोटा में दो साल साथ पढ़े, एक दूसरे का हौसला बने और अब पक्के दोस्त बन चुके इन सभी छात्रों ने jee main के बाद अब एक और कमाल किया है। जेईई-एडवांस्ड में इन सभी ने टॉप 50 में रैंक प्राप्त की है। टॉप 50 रैंक में शामिल होने के साथ ही इन सभी का अगले चार साल एक साथ पढ़ने का सपना भी साकार हो गया। ये सभी आईआईटी मुम्बई से कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई करना चाहते हैं और उसमें इनका एडमिशन सुनिश्चित हो गया है क्योंकि IIT Mumbai कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में टॉप 60 रैंक तक के विद्यार्थियों को जगह मिलती है। एक साथ पढ़ाई और दोस्ती के चलते इन विद्यार्थियों का एक और सपना साकार होने जा रहा है। बड़ी बात यह कि जेईई-मेन के बाद जी-तोड़ मेहनत करते हुए, देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में भी अपना स्थान बना रखा और टॉप 50 में शामिल होकर अगले चार साल एक साथ रहकर और पढ़ाई करने का सपना पूरा किया। परिणाम की खुशियां कोटा में सभी दोस्तों ने एक साथ मनाई, इस दौरान भास्कर गुप्ता और आदित्य अग्रवाल दोनों घर होने के कारण साथ नहीं रह सके तो दोनों तो मिस भी किया।
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अर्जुन जेईई-मेन्स में 371 रैंक पर था

सभी छह दोस्तों ने एक दूसरे से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हुए टॉप-20 में स्थान बनाया। इनमें अखिल भारतीय स्तर पर रैंक 3 पर पार्थ लटूरिया, रैंक 11 नवनील सिंघल, रैंक 13 पर लय जैन, रैंक 16 पर करण अग्रवाला, रैंक 19 पर यश गुप्ता तथा आदित्य अग्रवाल रैंक 41 पर रहे थे। अर्जुन ने मेन्स में 371 रैंक प्राप्त की लेकिन दोस्तों के साथ रहने के लिए मेहनत की और एडवांस में AIR 33 प्राप्त की।
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बना रहे यह साथ

यश व करण ने बताया कि हम चाहते हैं कि यह साथ बना रहे, क्योंकि हमस ब एक दूसरे को अच्छी तरह से समझने लग गए हैं। पढ़ाई में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करते हैं तो सभी का फायदा होता है सभी आगे बढ़ते हैं। क्लास के बाद भी जब भी हमारी बातें होती हैं तो उसमें भी फिजिक्स, केमेस्ट्री व मैथ्स ही होती है। हम चाहत हैं कि आगे भी हम ऐसे ही एक दूसरे की मदद करते रहें। कौनसे सवाल का क्या जवाब आया, कैसे आया, यह सब डिस्कस होता है।
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बड़े शहर छोड़ कोटा में जुड़े

इन सभी छह ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक साथ एक छोटे से शहर में जुड़ेंगे और पढ़ाई के लिए दोस्त बन जाएंगे। ये दोस्ती कॅरियर बनाएगी और इतनी लम्बी चलेगी। साथ पढ़ने के लिए इन्होंने मेट्रो सिटीज और बड़े शहर छोड़े आज अभिभावक भी खुश हैं कि अच्छे दोस्त मिले, पढ़ने वालों का साथ मिला तो सबकुछ अच्छा होता चला गया। मुम्बई से भास्कर व दिल्ली से नवनील ने मेट्रो सिटी छोड़ी, महाराष्ट्र के नांदेड़ के पार्थ और ओडिशा के करण भी कोटा आया, कोटा के लय और यश भी एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट में एक साथ हो गए।
पढ़ाई के लिए दोस्ती

लय ने बताया कि यह सब कोटा में माहौल है, यहां ऐसा आकर्षण है कि हर श्रेष्ठ विद्यार्थी आपस में जुड़ते चले जाते हैं। केवल यहां ही पढ़ाई के लिए दोस्ती हो सकती है, क्योंकि इतने टैलेंट एक साथ यहीं मिल सकते हैं। एक ही स्तर के स्टूडेंट्स मिलते हैं, एक दूसरे को समझते हैं और फिर प्रॉब्लम्स सॉल्व करने के लिए मदद करते हैं। कोटा आकर एक ऐसा शहर देखा जहां पढ़ाई ही सबकुछ है। यहां वो सबकुछ उपलब्ध है जो एक स्टूडेंट की आवश्यकता है।
स्वस्थ प्रतिस्पर्धा

पार्थ ने बताया कि एक साथ पढ़ने से बहुत कुछ कॉन्सेप्ट क्लीयर हो जाते हैं। यही नहीं एक-दूसरे के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भी रहती है। टेस्ट में एक दूसरे से ज्यादा नम्बर लाने की कोशिश करते हैं। क्लास में डाउट्स पर जब चर्चा होती है तो सभी मिलकर टीचर्स से सप्लीमेंट्री सवाल पूछते हैं। ऐसे में टॉपिक पर डिटेल डिस्कशन होता है और सब्जेक्ट की गहराई तक नॉलेज हो जाती है। इससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
कोटा की असली जीत

विद्यार्थियां को अच्छा कॅरियर देना कोटा की जीत है। हम चाहते हैं कि ऐसे टैलेंटेड स्टूडेंट्स एक साथ पढ़ाई करें और अपना कॅरियर बनाए। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट ऐसे विद्यार्थियों को माहौल और सुविधाएं देने में कोई कमी नहीं रखेगा। इन्हें घर से दूर घर जैसा माहौल देंगे।
राजेश माहेश्वरी, निदेशक, एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
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