scriptबीजेपी के लिए बजेगी खतरे की घंटी, छोटे दलों के नेताओं को ऐसा प्रत्याशी बना सकते हैं अखिलेश यादव | Akhilesh Yadav new plan give blow to BJP in Lok Sabha Election 2019 | Patrika News
वाराणसी

बीजेपी के लिए बजेगी खतरे की घंटी, छोटे दलों के नेताओं को ऐसा प्रत्याशी बना सकते हैं अखिलेश यादव

सपा के प्रयोग को मिली है जबरदस्त सफलता, लोकसभा चुनाव में जादू दोहराने की चुनौती

वाराणसीApr 19, 2018 / 08:49 pm

Devesh Singh

Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav

वाराणसी. अखिलेश यादव छोटे दलों के नेताओं को ऐसे प्रत्याशी बना कर चुनावी समीकरण साध सकते हैं। पूर्व में हुए चुनाव में सपा के प्रयोग को जबरदस्त सफलता मिली थी। सपा ने यह दांव आजमाया तो बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजना तय है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी व सपा दोनों के लिए ही जादू दोहराने की बड़ी चुनौती है। सपा के साथ बसपा व कांग्रेस भी मिल कर चुनाव लड़ते हैं तो अखिलेश यादव की यह योजना बहुत कारगर साबित हो सकती है।
यह भी पढ़े:-पुलिस के अनोखे काम से खिल उठे लोगों के चेहरे, 15 दिन में दर्जनों गायब मोबाइल बरामद कर मालिक को सौंपे



सपा पर यादव व मुस्लिमों की पार्टी होने का आरोप लगता आया था, जिसके चलते बीजेपी ने केशव प्रसाद मौर्या को आगे किया और अपना दल व सुभासपा से गठबंधन करके निकाय व विधानसभा चुनाव में सफलता पायी। बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग सपा पर भारी पड़ गयी थी। इस बात को अखिलेश यादव ने खुद स्वीकार किया था और मीडिया में बयान दिया था कि अब वह सपा की सोशल इंजीनियरिंग को मजबूत करेंगे। इसके बाद अखिलेश यादव ने गोरखपुर में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ाया था और सीएम योगी के गढ़ में बीजेपी प्रत्याशी को हार कर सभी को चकित कर दिया था। खास बात है कि निषाद पार्टी के नेता को सपा का सिंबल मिला था। लोकसभा चुनाव 2019 में सपा व बसपा का गठबंधन होना तय है। कांग्रेस भी इस गठबंधन में शामिल हो सकती है, ऐसे में सपा के अधिक लोकसभा सीट नहीं मिलने वाली है। इन परिस्थितियों में अखिलेश का नया दांव बहुत काम आयेगा।
यह भी पढ़े:-जब छात्रा ने बताया कि बॉस साथ सोना चाहते हैं तो इंस्टीट्यूट ने कहा यह तो आम बात है, देखें वीडियो
सपा से जुड़ रहे हैं छोटे दल
निषाद पार्टी ने सपा से नाता जोड़ लिया है। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में चौहान समाज की रैली में अखिलेश यादव मुख्य अतिथि थे इससे माना जा रहा है कि चौहान समाज भी सपा के साथ जा सकता है। स्वामी प्रसाद मौर्या के दामाद को अखिलेश ने पहले ही सपा में शामिल किया हुआ है। इस संदेश से साफ हो जाता है कि इस बार सपा को जितनी सीटे मिलेगी उस पर यादव के अतिरिक्त अन्य पिछड़ी जाति को भी चुनाव लडऩे का मौका मिल सकता है ऐसे में सपा छोटे दलों को अपनी सीट देगी तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में अखिलेश यादव छोटे दलों के नेता को अपने सिंबल पर चुनाव लड़ा सकते हैं जिससे सपा की सीट भी बचेगी और छोटे दलों से जुड़ी जातियों को सपा से जुडऩे का मौका मिल जायेगा।
यह भी पढ़े:-तो फिर अखिलेश यादव यहां से लड़ेगें चुनाव, पीएम मोदी को मिलेगी कड़ी चुनौती
सपा के नये प्रयोग से बैकफुट पर है बीजेपी
सपा ने सोशल इंजीनियरिंग को लेकर जो नया प्रयोग किया है उससे बीजेपी बैकफुट पर चली गयी है। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सीएम योगी सरकार को निशाना बनाया हुआ है। इसके बाद भी बीजेपी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके विपरीत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सुभासपा से वार्ता करने के लिए लखनऊ आना पड़ा है इससे साफ हो जाता है कि बीजेपी किसी भी हाल में पार्टी से जुड़ी हुई जातियों को छोडऩे वाली नहीं है क्योंकि भगवा पार्टी जान गयी है कि सोशल इंजीनियरिंग से दूर होने के चलते ही गोरखपुर व फूलपुर चुनाव में पार्टी को बड़ी हार मिली है।
यह भी पढ़े:-गजब पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में अक्षय तृतीया के दिन कैश के लिए लोगों ने उतारी एटीएम बाबा की आरती

Home / Varanasi / बीजेपी के लिए बजेगी खतरे की घंटी, छोटे दलों के नेताओं को ऐसा प्रत्याशी बना सकते हैं अखिलेश यादव

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो