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अन्नदाता रो रहा खून के आँसू ,जनप्रतिनिधि बेखबर हर साल निगम की ओर से पार्षदों के माध्यम से खिलाडिय़ों को खेल सामग्री नि:शुल्क वितरित की जाती है, लेकिन ज्यादातर सामग्री पार्षद अपने वार्ड में कार्यकर्ताओं को वितरित कर देते हैं। वार्ड के खिलाड़ी खेल सामग्री को तरस जाते हैं। बिना सिफारिश के खिलाडिय़ों को खेल सामग्री नहीं मिलती। निगम में गुरुवार को हुई बैठक में खेल सामग्री खरीदने के लिए फर्मों को कार्यादेश दे दिया है।
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समिति ने गुणवत्ता जांच कर दी मंजूरी
खेल सामग्री के कार्यादेश को फाइनल करने के लिए खेल समिति की बैठक हुई। इसमें महापौर महेश विजय, उप महापौर सुनीता व्यास, पार्षद महेश गौतम लल्ली, नरेन्द्र हाड़ा, विनोद नायक, प्रकाश सैनी, महेश गौतम सोनू, उपायुक्त राजेश डागा, श्वेता फगेडिया की टीम ने नेगोशिएशन कर खेल सामग्री की दर तय की। Big News: कोटा में पार्षद पति ने कांग्रेस एससी-एसटी प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष की कार पर बरसाए लट्ठ, जान से मारने की दी धमकी
तय कर रखे हैं हिस्से
निगम में छोटे-छोटे काम के लिए गाइड लाइन तय कर रखी है, लेकिन 50 लाख की खेल सामग्री बांटने के लिए कोई गाइड लाइन तय नहीं है। महापौर को दस लाख की खेल सामग्री दी जाती है, लेकिन यह सामग्री किसको वितरित की जाती है, इसका कोई रिकॉर्ड तक नहीं है। उप महापौर को चार लाख, आयुक्त व उपायुक्तों को एक-एक लाख तथा प्रत्येक पार्षद को 50-50 हजार रुपए की खेल सामग्री बांटने के लिए दी जाती है।
ऐसे भी चलता है खेल
पिछले साल एक पार्षद ने 50 हजार की खेल सामग्री लेकर आधी राशि में एक दुकानदार को जमा करा दी थी। खेल सामग्री में इस तरह का खेल भी चलता है। अधिकारियों को जानकारी देने के बावजूद आंखें मूंदकर बैठे है।