स्वरोज़गार और उद्यमी योजना – युवाओं की ताकत बन रही सरकार

27 Nov 2017

बनने दे एक क़िस्सा दिलचस्प नौजवानी

थोड़ा से हौसले से लिख दे नयी कहानी

अब युवाओं को न कतराने की ज़रूरत है, न परेशान होने की और न ही इधर-उधर भटकने की। बेराज़गारी का सबसे बेहतर विकल्प होता है, स्वरोज़गार यानी अपना मालिक आप हो जाना। और, अगर इसके सारे रास्ते खुल जाएं तो आप यकीनन यही कहेंगे कि इससे अच्छा और कुछ हो ही नहीं सकता। मध्य प्रदेश की नयी तस्वीर में कुछ ऐसे ही रंग दिखायी देने लगे हैं।

 

यंग इंडिया, मेक इन इंडिया, कौशल भारत और स्टार्ट-अप इंडिया की मिली-जुली अवधारणा को केंद्र में रखती हैं मध्य प्रदेश सरकार की दो योजनाएं – मुख्यमंत्री स्वरोज़गार योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना। इन दोनों योजनाओं के जरिए प्रदेश का एक नया चेहरा सामने आने लगा है।

आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ समय में मध्य प्रदेश के युवाओं ने उद्यमिता और स्वरोज़गार क्षेत्र में ण केवल महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करवायी है, बल्कि सफलता की नयी परिभाषाएं गढ़ने की ओर भी वे अग्रसर हुए हैं। 500 से ज़्यादा स्टार्ट अप की शुरुआत मध्य प्रदेश का नाम रोशन करने की एक नयी कहानी है।

इन दोनों ही योजनाओं में वित्तीय सहयोग के अतिरिक्त विशिष्ट पहलू यह है कि सरकार युवाओं को सिर्फ आर्थिक सहयोग देकर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री नहीं कर देती, बल्कि वह युवाओं को उनके व्यवसाय से संबंधित प्रशिक्षण भी दे रही है ताकि नये परिन्दों के पंखों में उड़ान की क्षमता का विकास भी हो।

यह कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश शासन अपने बच्चों की उंगली थाम कर चलना सिखा रहा है, उनसे हाथ मिला रहा है, उन्हें गले लगा रहा है और उनके कंधे पर हाथ रखने वाला मज़बूत सहारा भी बन रहा है। प्रदेश के युवा देश के विकास में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन करने की ओर बढ़ रहे हैं और आने वाले कल का इतिहास लिखा जा रहा है।

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