बूंदी से कोटा आ रहा परिवार की बाइक ट्रोले में घुसी, मासूम की दर्दनाक मौत
अमूमन 2 से 5 सारसों का बेड़ा ही नजर आता है, लेकिन एक दो बार 20 से 25 सारसों का झुंड भी इस इलाके में देखा गया। लेकिन रविवार को गामछ के पास चम्बल नदी में सारस के सबसे बड़े झुंड ने साइटिंग की है। इसमें करीब 10 वयस्क, 30 किशोर और 5 से 10 नन्हें सारस शामिल हैं। व्यस्क सारस जोड़े के साथ आए हैं, जबकि किशोर सारस जोड़ा बनाने के लिए अटखेलियां करने में जुट गए हैं।
अमूमन 2 से 5 सारसों का बेड़ा ही नजर आता है, लेकिन एक दो बार 20 से 25 सारसों का झुंड भी इस इलाके में देखा गया। लेकिन रविवार को गामछ के पास चम्बल नदी में सारस के सबसे बड़े झुंड ने साइटिंग की है। इसमें करीब 10 वयस्क, 30 किशोर और 5 से 10 नन्हें सारस शामिल हैं। व्यस्क सारस जोड़े के साथ आए हैं, जबकि किशोर सारस जोड़ा बनाने के लिए अटखेलियां करने में जुट गए हैं।
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बेहद खास है सारस की साइटिंग
कोटा विश्वविद्यालय के वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट की कॉर्डिनेटर डॉ. सुरभी श्रीवास्तव बताती हैं कि पूरे देश में सारसों की संख्या आठ से दस हजार के आसपास ही बची है। ऐसे में इतना बड़े झुंड का चंबल में डेरा डालना वन्य जीव संरक्षण के लिहाज से बेहद खास है। सारसों को यह इलाका पसंद आया तो नौजवान सारस यहीं पर जोड़ा बनाएंगे और नए सारसों को भी जन्म देंगे। जिसके बाद इस इलाके में सारसों की संख्या और भी ज्यादा बढऩे की उम्मीद है।
बेहद खास है सारस की साइटिंग
कोटा विश्वविद्यालय के वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट की कॉर्डिनेटर डॉ. सुरभी श्रीवास्तव बताती हैं कि पूरे देश में सारसों की संख्या आठ से दस हजार के आसपास ही बची है। ऐसे में इतना बड़े झुंड का चंबल में डेरा डालना वन्य जीव संरक्षण के लिहाज से बेहद खास है। सारसों को यह इलाका पसंद आया तो नौजवान सारस यहीं पर जोड़ा बनाएंगे और नए सारसों को भी जन्म देंगे। जिसके बाद इस इलाके में सारसों की संख्या और भी ज्यादा बढऩे की उम्मीद है।
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लिखी जाएगी अटूट प्रेम की कहानी
पगमार्क फाउंडेशन के संयोजक देववृत सिंह हाड़ा बताते हैं कि चम्बल के छिछले पानी पर टापू बनने से गामछ का इलाका सारस की साइटिंग के लिए खासा मुफीद है। अप्रेल से लेकर जून तक यह पक्षी अपने जोड़े बनाने की कोशिश करेंगे। रविवार को साइटिंग के दौरान सारस पक्षी एक-दूसरे को रिझाते भी नजर आए। जिन सारसों का जोड़ा यहां बनेगा वह उम्र भर एक-दूसरे के साथ रहेंगे। यदि नर और मादा में से कोई एक मर भी जाएगा तो वह या तो उसी के साथ दम तोड़ देगा या फिर जीवन भर अकेला रहेगा।
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पगमार्क फाउंडेशन के संयोजक देववृत सिंह हाड़ा बताते हैं कि चम्बल के छिछले पानी पर टापू बनने से गामछ का इलाका सारस की साइटिंग के लिए खासा मुफीद है। अप्रेल से लेकर जून तक यह पक्षी अपने जोड़े बनाने की कोशिश करेंगे। रविवार को साइटिंग के दौरान सारस पक्षी एक-दूसरे को रिझाते भी नजर आए। जिन सारसों का जोड़ा यहां बनेगा वह उम्र भर एक-दूसरे के साथ रहेंगे। यदि नर और मादा में से कोई एक मर भी जाएगा तो वह या तो उसी के साथ दम तोड़ देगा या फिर जीवन भर अकेला रहेगा।