पहली कहानी
जानकार सूत्रों ने बताया कि सहीराम के पास से बरामद नकदी और उसकी सम्पत्तियों के बारे में पूछताछ में उसने पहले कहा कि यह उसकी पैतृक सम्पत्ति है। ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि सहीराम के पिता इत्यादि की इतनी अधिक आय नहीं थी कि वह सैकड़ों करोड़ की सम्पत्ति खरीद सके।
दूसरी कहानी
पहली कहानी खारिज होते ही उसने कहा कि यह सारी सम्पत्ति उसके बेटे की है। उसका बेटा प्रोपर्टी के धंधे से जुड़ा हुआ है। अगर कोई गड़बड़ है तो वह बेटे के स्तर पर ही की गई है। पूछताछ करने वाले अधिकारियों को यह तर्क गले नहीं उतर रहा है। बेटे का कामकाज कुछ ऐसा नहीं है, जिसमें वह इतनी सम्पत्ति बना सके।
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तीसरी कहानी
पूछताछ में उसने एक बार कहा कि उसकी पत्नी अपना काम करती है, पत्नी के नाम पर जो सम्पत्तियां मिली हैं। वह उसकी कमाई से खरीदी गई हैं। अधिकारियों को वह यह नहीं बता सका कि उसकी पत्नी के नाम किस तरह का बिजनेस है।
एएसपी ठाकुर चन्द्रशील ने बताया कि दिनभर चली पूछताछ में वह बरामद नकदी और सम्पत्ति के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। वह इन सवालों के भी जवाब नहीं दे पाया कि इतने बैंक खाते संचालित करने की उसे कहां और क्यों जरूरत पड़ रही थी।