पीएम नरेन्द्र मोदी की 29 दिसम्बर को गाजीपुर में जनसभा थी। जनसभा से ड्यूटी करके पुलिसकर्मी लौट रहे थे उसमे कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स भी शामिल थे। नोनहरा थाना क्षेत्र के अटवा मोड के पास ही कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे जिन्हें निषाद पार्टी का कार्यकर्ता माना जा रहा है। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था जिससे सुरेश वत्स की जान चली गयी थी। इस घटना को लेकर प्रदेश का सियासी पारा गरम हो गया था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी इसके बाद से पुलिस ने कभी कांग्रेस के टिकट पर वर्ष 2007 का चुनाव लड़े अर्जुन कश्यप को मुख्य आरोपी बताया था और अर्जुन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम ने रात व दिन एक एक कर दिया था लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिल पायी थी और अर्जुन कश्यप ने पुलिस की सारी चौकसी को धता बताते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
यह भी पढ़े:-अखिलेश यादव व मायावती में सीटों का बंटवारा होते ही बीजेपी व शिवपाल यादव को मिला बड़ा मौका इस ममाले में किया कोर्ट में सरेंडरगाजीपुर में कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स के मुख्य हत्यारोपी अर्जुन कश्यप ने 174 रेलवे एक्ट के तहट रेलवे मजिस्ट्रेट के यहां पर सरेंडर किया है। बलिया में रेलवे लाइन में हंगामा करने का मामला था, जिसमे अपनी जमानत तुड़वायी है, जिसमे अर्जुन कश्यप को जेल भेजा जायेगा। अब गाजीपुर पुलिस को मुख्य आरोपी को ले जाने के लिए कोर्ट से रिमांड लेनी होगी। यदि पुलिस पहले ही अर्जुन कश्यप को पकड़ पाती तो आरोपी से अधिक से अधिक जानकारी मिल सकती थी लेकिन अब ऐसा होना कठिन हो गया है। गाजीपुर पुलिस की लचर कार्यप्रणाली भारी पड़ गयी है जिसका फायदा आरोप को हो सकता है।
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