जानिए कौन है सुशील मूंछ
सुशील मूंछ उत्तर प्रदेश का वो सरगना था, जिसका नाम के खौफ से बड़े से बड़ा अफसर भी मिनटों में सारा काम कर देता था। वहीं सुशील मूंछ के खौफ का बाजार ऐसा था कि सरकार ने भी सालों पहले उसके ऊपर एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था। वैसे सुशील मूंछ के खौफ के बाजार को साल 2012 में एसटीएफ की टीम ने लगभग खत्म कर दिया था। जबकि कई नामी गुर्गे को पुलिस ने मार गिराया। सुशील को साल 2012 में एसटीएफ की टीम ने खतौली से गिरफ्तार किया था। जिस वक्त सुशील मूंछ को गिरफ्तार किया गया, उस समय उसके साथ एक युवती भी थी। दोनों ही पिंक स्क्वायर माल में फिल्म देखने जा रहे थे। हालांकि एसटीएफ ने आज तक युवती की पहचान को ओपन नहीं किया।
इन नामों से जाना जाता है मूंछ
सुशील मूंछ के एक नाम नहीं बल्कि तीन-तीन नाम हैं सुशील मूंछ, लगड़ा और प्रधान जी। कहते हैं कि सुशील जिस समय मुजफ्फरनगर के जाट कॉलेज में पढ़ता था। तब उसकी क्लास में दो सुशील थे, जिससे छात्र एक जैसे नाम होने से उलझ जाते थे। तब सुशील के मूंछ होते थे इसी कारण से उसका नाम मूंछ रख दिया गया। वहीं एक बार सुशील मूंछ पर सुरेंद्र कूकड़ा, शोभाराम यादव व उदयवीर कैल ने हमला कर दिया था, तब सुशील का साथी इंद्रपाल मारा गया और सुशील के पैर में गोली लग गई। तब से वह थोड़ा-थोड़ा लंगड़ाया करता था, तभी लगड़ा नाम पड़ा। वहीं मथेड़ी गांव का प्रधान रहने के कारण उसे प्रधान जी भी कहा जाता है।
लग्जरी गाड़ियों का शौकीन है
जब सुशील पकड़ा गया था तब एसटीएफ के एसपी ने बताया था कि सुशील मूंछ लग्जरी गाड़ियों के शौकीन है। वह अक्सर ही लंबी कारों में होंडा सिटी, टोयोटा कोरोला, एसयूवी में इंडोवर, जायलो और छोटी कारों में पोलो, जैज आदि कारों में वह सवार होता है।
जुर्म की दुनिया का असली बादशाह था मूंछ
सुशील मूंछ इतना बड़ा माफिया था कि उसके बारे में पुलिस के पास भी सटिक जानकारी नहीं थी। सबसे बड़ी बात तो ये थी कि इतने बड़े सरगना का गैंग लीडर सुशील का फोटो किसी के पास नहीं था। फोटो के नाम पर बस एक धुंधला सा फोटो पुलिस विभाग जारी किया करता था। ऐसा कहते हैं कि सुशील ने साल 2008 में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड से बाहर अपना पैर जमाने लगा था। साल 2008 में सुशील मूंछ ने जयपुर में ठिकाना बनाया था। वहां उसने मालवी नगर और वैशाली में दूसरे व्यक्तियों के नाम से मकान खरीद रखे थे। ऐसा कहा जाता था कि वह आॅस्ट्रेलिया और बैंकॉक से अपना सरगना चलाता था जबकि वह यही रहकर और छिपकर सारा कारोबार करता था। प्रशासन और सरकारी विभागों में सुशील मूंछ का नाम ही खौफ फैलाने के लिए काफी हुआ करता था। वहीं फिलहाल सुशील मूंछ जमानत पर है।