दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने फैसला लिया है इस साल दिल्ली में शराब की कोई भी नई दुकान नहीं खुलेगी। यह बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा एक मीटिंग करके कही गई। मीटिंग में ‘मोहल्ला सभा’ के रोल के बारे में भी बात हुई। मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर मोहल्ले के 15 प्रतिशत लोग सभा करके शराब कि दुकान को बंद करने की बात कहेंगे तो दुकान बंद हो जाएगी। वहीं दुकान को जहां शिफ्ट करने की बात सोची जाएगी उस इलाके के लोग ही तय करेंगे कि दुकान खुलनी चाहिए या नहीं। इसके साथ ही नए नियमों में शराब की दुकान के बाहर होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए अब मालिक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सिसोदिया ने कहा कि शराब दुकान के मालिक की जिम्मेदारी होगी कि बाहर कोई गलत हरकत ना हो। पुलिस को फोन भी वही करेगा। वरना एक्शन लिया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने कहा, ‘अगर लोग शराब की दुकानों से परेशान हैं जो वे लोग मीटिंग करके तय कर सकते हैं कि उन्हें दुकान कहीं शिफ्ट करनी है या फिर बंद करनी है।’

ऐसा हो सकता है कि दिल्ली आने वाले वक्त में बिहार की राह पर चल पड़े। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव जीतते ही राज्य में शराब पर बैन लगा दिया था। उनके इस फैसले की कई लोग तारीफ करते हैं और कई बुराई भी। हाल में उन्होंने शराब बैन होने से हो रहे सरकारी घाटे की पूर्ति के लिए पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए थे। इसपर उनकी काफी खिंचाई हुई थी।