नई दिल्ली
दिल्ली सरकार ने 400 करोड़ रुपये के कथित टैंकर घोटाले की जांच सीबीआई या ऐंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) से करवाने की सिफारिश की है। आरोप है कि इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का नाम भी सामने आया था और वह उस समय जल बोर्ड की चेयरमैन भी थीं। वॉटर मिनिस्टर कपिल मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल नजीब जंग को खत लिखा है और टैंकर घोटाले में एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है।
दिल्ली विधानसभा में सेशन के दौरान विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने टैंकर घोटाले की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पब्लिक करने की मांग की थी। सोमवार को सदन में कपिल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने पीएम और उपराज्यपाल को लिखा है कि टैंकर घोटाले की जांच सीबीआई या एसीबी से करवाई जाए, क्योंकि ये दोनों जांच एजेंसी केंद्र सरकार के अधीन हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई है। एलजी को लिखे खत में कपिल मिश्रा ने कहा है कि एसीबी पर दिल्ली सरकार का कंट्रोल नहीं है और एसीबी सीधे एलजी को रिपोर्ट करती है।
ऐसे में एसीबी को एफआईआर दर्ज करने को कहा जाए। वॉटर टैंकर डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम को लेकर जांच कमिटी बनाई गई थी और टैंकर घोटाले के इस मामले की जांच में उस समय के जल बोर्ड के अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल सामने आए थे। जल बोर्ड की उस समय चेयरमैन शीला दीक्षित पर भी आरोप लगे थे। सदन में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विपक्ष के नेता यह क्रेडिट ले सकते हैं कि उन्होंने फैक्ट फाइंडिंग कमिटी की रिपोर्ट रिलीज करने को लेकर दिल्ली सरकार पर दबाव बनाया, लेकिन इस मामले में क्या वे पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की कोशिश करेंगे?
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तो सीबीआई या एसीबी जांच की सिफारिश कर दी है, लेकिन अब विपक्ष के नेता को यह विश्वास दिलाना होगा कि वे अब पीएम के पास जाएंगे और उनसे अपील करेंगे कि पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दें। अगर विपक्ष के नेता ऐसा कर पाने में नाकाम रहते हैं, तो उन्हें पीएम के खिलाफ धरने पर बैठना चाहिए। सीएम केजरीवाल ने विपक्ष के नेता के आरोपों के जवाब में यह बात कही। विपक्ष के नेता ने यह आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमिटी की रिपोर्ट जारी नहीं कर रही है।
दिल्ली सरकार ने 400 करोड़ रुपये के कथित टैंकर घोटाले की जांच सीबीआई या ऐंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) से करवाने की सिफारिश की है। आरोप है कि इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का नाम भी सामने आया था और वह उस समय जल बोर्ड की चेयरमैन भी थीं। वॉटर मिनिस्टर कपिल मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल नजीब जंग को खत लिखा है और टैंकर घोटाले में एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है।
दिल्ली विधानसभा में सेशन के दौरान विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने टैंकर घोटाले की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पब्लिक करने की मांग की थी। सोमवार को सदन में कपिल मिश्रा ने बताया कि उन्होंने पीएम और उपराज्यपाल को लिखा है कि टैंकर घोटाले की जांच सीबीआई या एसीबी से करवाई जाए, क्योंकि ये दोनों जांच एजेंसी केंद्र सरकार के अधीन हैं। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई है। एलजी को लिखे खत में कपिल मिश्रा ने कहा है कि एसीबी पर दिल्ली सरकार का कंट्रोल नहीं है और एसीबी सीधे एलजी को रिपोर्ट करती है।
ऐसे में एसीबी को एफआईआर दर्ज करने को कहा जाए। वॉटर टैंकर डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम को लेकर जांच कमिटी बनाई गई थी और टैंकर घोटाले के इस मामले की जांच में उस समय के जल बोर्ड के अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल सामने आए थे। जल बोर्ड की उस समय चेयरमैन शीला दीक्षित पर भी आरोप लगे थे। सदन में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विपक्ष के नेता यह क्रेडिट ले सकते हैं कि उन्होंने फैक्ट फाइंडिंग कमिटी की रिपोर्ट रिलीज करने को लेकर दिल्ली सरकार पर दबाव बनाया, लेकिन इस मामले में क्या वे पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की कोशिश करेंगे?
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तो सीबीआई या एसीबी जांच की सिफारिश कर दी है, लेकिन अब विपक्ष के नेता को यह विश्वास दिलाना होगा कि वे अब पीएम के पास जाएंगे और उनसे अपील करेंगे कि पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दें। अगर विपक्ष के नेता ऐसा कर पाने में नाकाम रहते हैं, तो उन्हें पीएम के खिलाफ धरने पर बैठना चाहिए। सीएम केजरीवाल ने विपक्ष के नेता के आरोपों के जवाब में यह बात कही। विपक्ष के नेता ने यह आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमिटी की रिपोर्ट जारी नहीं कर रही है।