मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे आभूषणों पर लगाए एक फीसद के उत्पाद शुल्क को वापस लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखेंगे और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उनसे भी प्रधानमंत्री से अपील का आग्रह करेंगे। देश भर के सर्राफा व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मसले पर मदद मांगी।

सर्राफा व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं आभूषणों पर लगाए गए इस उत्पाद शुल्क का विरोध करता हूं। मैं इन व्यापारियों की तरफ से अपील करता हूं कि इसे वापस लिया जाए’। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसे लागू करने के पीछे की मंशा पर शक होता है, इस उत्पाद शुल्क से व्यापारियों की परेशानी बढ़ने के अलावा कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस एक फीसद की वसूली में 3-4 फीसद का खर्च होगा और केवल भ्रष्टाचार बढ़ेगा। केजरीवाल ने सवाल किया कि नरेंद्र मोदी ने यूपीए सरकार के समय 2012 में लगाए गए उत्पाद शुल्क का विरोध किया था तो फिर अब इसे लगाने के पीछे क्या कारण है, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई नीति जनता की सलाह से बननी चाहिए और अगर गलती से कोई नीति बन भी गई तो उसे सुधार लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के पास धन की कमी नहीं, यदि नीयत सही हो तो करों में बढ़ोतरी की जरूरत ही नहीं आएगी। केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार मेक इन इंडिया की बात करती है, फिर आभूषण उद्योग से बड़ा मेक इन इंडिया क्या है। इस क्षेत्र को केंद्र सरकार बढ़ावा देने के बजाए परेशान क्यों कर रही है।

सर्राफा व्यापारियों ने मुख्यमंत्री को सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने यदि उनकी मांगें नहीं मानी तो उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों का जमानत जब्त होना तय है। अखिल भारतीय स्वर्णकार एंड ज्वेलर्स एसोसिएशंस के सुभाष राणा ने कहा कि अलग से उत्पाद शुल्क का प्रावधान इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा देना है, सरकार किसी अन्य मद में कर वसूल सकती थी, उत्पाद शुल्क की यह नई नीति क्यों। राणा ने कहा कि 17 मार्च तक सोने-चांदी के दुकानों को बंद रखने की मियाद अब खत्म हो गई है, लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी। इसलिए बुधवार की रैली के बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।