जम्मू एवं कश्मीर भारत का उत्तरी राज्य है, जिसकी सीमायें हिमाचल प्रदेश और पंजाब राज्य के अलावा पूर्व में चीन व पश्चिम में पकिस्तान से मिलती हैं | इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा प्रदान किया गया है, जिसका अपना अलग संविधान व राष्ट्रीय झंडा है | 26 अक्टूबर, 1947 को महाराजा हरि सिंह के भारत के साथ विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद यह भारत संघ में सम्मिलित हुआ था | इस राज्य में स्थित कश्मीर अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और खुबसूरत घाटियों के कारण ‘पृथ्वी का स्वर्ग’ भी कहलाता है |
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जम्मू कश्मीर : एक नजर में
1. क्षेत्रफल | 2,22236 वर्ग किमी. |
2. राज्य के रूप में गठन | 26 अक्टूबर, 1947 |
3. जनसंख्या (जनगणना,2011) | 1.24 करोड़ |
4. प्रमुख भाषाएँ | उर्दू (राजकीय भाषा), डोगरी, कश्मीरी ,पहाड़ी, लद्दाखी, पंजाबी |
5. राजधानी | ग्रीष्मकालीन- कश्मीर शीतकालीन- जम्मू |
6. संसद सदस्य | लोकसभा-6,राज्य सभा-4 |
7. विधानमंडल | द्विसदनीय (विधानसभा - 36 सीटें, विधान परिषद्- 36 सीटें ) |
8. हवाई अड्डे (एयरपोर्ट) | जम्मू और श्रीनगर |
9. प्रमुख शहर | श्रीनगर, जम्मू, अनंतनाग, ऊधमपुर, बारामूला, सोपोर, लेह, बांदीपुर |
10. त्यौहार | अस्सुज, लोहड़ी, बहू मेला (जम्मू), ईद-उल-फितर, ईद-उल-जुहा, मिलाद-उल-नवी, मुहर्रम, हेमिस( लद्दाख), सिंध महोत्सव ,लोसर मेला |
11. अर्थव्यवस्था | 17.13 बिलियन अमेरिकी डॉलर (आकार) जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था कृषि और पर्यटन पर निर्भर है, यहाँ की 80% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है और 2/5 राजस्व कृषि गतिविधियों से ही प्राप्त होता है | सेव, बादाम, अखरोट, केसर, चावल आदि यहाँ के प्रमुख उत्पाद हैं | |
12. साक्षरता | 83.45% |
13. जिले | 22 |
14. लिंगानुपात (जनगणना,2011) | 880 महिलाएं प्रति हजार पुरुष |
15. शिशु लिंगानुपात (जनगणना,2011) | 795 महिलाएं प्रति हजार पुरुष |
16. प्रमुख लोक नृत्य | रूफ , कुड, हेमिस गुम्पा, चकरी |
17. प्रमुख नदियाँ | सिंधु, झेलम, चेनाब, सुरु |
18. प्रमुख खनिज | लिग्नाइट, अभ्रक , जस्ता, बॉक्साइट, केओलिन |
19. पर्यटन/ऐतिहासिक स्थल | गुलमर्ग, कश्मीर, लेह-लाद्द्का, माँ वैष्णों देवी मंदिर, डल झील (श्रीनगर) |
20. जनघनत्व | 653 व्यक्ति/वर्ग किमी. |
21. धार्मिक जनसंख्या (जनगणना,2011) | हिन्दू (87.45%) ईसाई (0.19%) इस्लाम (7.02%) सिख (4.90%) जैन (0.2%) बौद्ध (0.02%) अन्य (0.2%) |
22. झीलें | वुलर, डल, पागोंग, मोरिरी, कर |
जम्मू के राजा हरि सिंह ने भारत से मदद क्यों मांगी:
भारत को आजादी मिलने के बाद अगस्त 15, 1947 को जम्मू और कश्मीर भी आजाद हो गया था | भारत की स्वतन्त्रता के समय राजा हरि सिंह यहाँ के शासक थे, जो अपनी रियासत को स्वतन्त्र राज्य रखना चाहते थे। इसलिए उन्होंने स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में रहने का निर्णय लिया | शेख़ अब्दुल्ला के नेतृत्व में मुस्लिम कॉन्फ़्रेंस (बाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस) कश्मीर की मुख्य राजनैतिक पार्टी थी। कश्मीरी पंडित, शेख़ अब्दुल्ला और राज्य के ज़्यादातर मुसलमान कश्मीर का भारत में ही विलय चाहते थे (क्योंकि भारत धर्मनिर्पेक्ष है)। पर पाकिस्तान को ये बर्दाश्त ही नहीं था कि कोई मुस्लिम-बहुमत प्रान्त भारत में रहे (इससे उसके दो-राष्ट्र सिद्धान्त को ठेस लगती थी)। इसलिए 20 अक्टूबर, 1947 को आजाद कश्मीर की फौजों ने पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर कश्मीर पर आक्रमण कर दिया और काफी हिस्सा हथिया लिया | इस परिस्थिति में महाराजा हरि सिंह ने कश्मीर की रक्षा के लिए शेख़ अब्दुल्ला की सहमति से जवाहर लाल नेहरु के साथ मिलकर 26 अक्टूबर 1947 को भारत के साथ कश्मीर के अस्थायी विलय की घोषणा कर दी और "instruments of accession of jammu and kashmir to india" पर अपने हस्ताक्षर कर दिये | भारतीय सेना ने जबाबी कार्यवाही करके राज्य का काफ़ी हिस्सा पाकिस्तान में जाने से बचा लिया था | हालांकि उस समय प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू ने मोहम्मद अली ज़िन्ना से विवाद जनमत-संग्रह से सुलझाने की पेशक़श की, जिसे जिन्ना ने उस समय ठुकरा दिया क्योंकि उनको अपनी सैनिक कार्रवाई पर पूरा भरोसा था।
भारत और जम्मू & कश्मीर के बीच का समझौता क्या कहता है ?
इस नये समझौते के तहत कश्मीर ने भारत के साथ सिर्फ तीन विषयों: रक्षा, विदेशी मामले और संचार को भारत के हवाले कर दिया था | समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत सरकार ने वादा किया कि “'इस राज्य के लोग अपने स्वयं की संविधान सभा के माध्यम से राज्य के आंतरिक संविधान का निर्माण करेंगे और जब तक राज्य की संविधान सभा शासन व्यवस्था और अधिकार क्षेत्र की सीमा का निर्धारण नहीं कर लेती हैं तब तक भारत का संविधान केवल राज्य के बारे में एक अंतरिम व्यवस्था प्रदान कर सकता है। इस प्रतिबद्धता के साथ अनुच्छेद 370 को भारत के संविधान में शामिल किया गया था। जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में ये प्रावधान केवल अस्थायी हैं। इन प्रावधानों को 17 नवंबर 1952 से लागू किया गया था|
अनुच्छेद 370 क्या कहता है?
इस अनुच्छेद के अनुसार रक्षा, विदेश से जुड़े मामले, और संचार को छोड़कर बाकी सभी कानून को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को राज्य से मंजूरी लेनी पड़ती है। इस प्रकार राज्य के सभी नागरिक एक अलग कानून के दायरे के अंदर रहते हैं, जिसमें नागरिकता, संपत्ति खरीदने का अधिकार और अन्य मूलभूत अधिकार शामिल हैं। इसी धारा के कारण देश के दूसरे राज्यों के नागरिक इस राज्य में किसी भी तरीके की संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं।
अनुच्छेद 370 के कारण ही केंद्र राज्य पर आर्थिक आपातकाल (अनुच्छेद 360) जैसा कोई भी कानून राज्य पर नहीं लगा सकता है। केंद्र J & K पर केवल दो दशाओं: युद्ध और बाहरी आक्रमण के मामले में ही आपातकाल लगा सकता है। केंद्र सरकार, राज्य के अंदर की गड़बड़ियों के कारण इमरजेंसी नहीं लगा सकता है, उसे ऐसा करने से पहले राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होगी। इसी अनुच्छेद के कारण जम्मू & कश्मीर का अपना संविधान है और अपना राष्ट्रीय झंडा है |