नई दिल्ली
नॉर्थ एमसीडी की हाउस मीटिंग में गुरुवार को उस वक्त बड़ी ही अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब सत्ता पक्ष के मेयर रविंद्र गुप्ता और नेता सदन योगेंद्र चंदोलिया आपस में ही भिड़ गए। दोनों के बीच जमकर जुबानी जंग हुई। मामला शुरू हुआ चार जोन का कूड़ा उठाने के लिए ठेकेदार को दिए जाने वाले रेट को लेकर।
मेयर ने यह कहकर प्रस्ताव पास करने से मना कर दिया कि रेट बहुत महंगे हैं। जबकि नेता सदन ने मेयर को चैलेंज करते हुए कहा कि प्रस्ताव रोकने का अधिकार मेयर का नहीं है। इस पूरे मामले में नेता विपक्ष मुकेश गोयल ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि यह देखो बीजेपी का हाल। मेयर और नेता सदन आपस में ही लड़ रहे हैं। विकास कार्य भूलकर बीजेपी ने सदन में तमाशा शुरू कर दिया है।
मसला शुरू हुआ दो प्रस्तावों को पास करने को लेकर। इन प्रस्तावों में नॉर्थ एमसीडी के चार जोन का कूड़ा उठाने के लिए दिए गए ठेके को पास करना था। यह जोन हैं सिटी, पहाड़गंज, करोल बाग और नरेला। सदन में जैसे ही यह प्रस्ताव आया और इसे पास करने की बात हुई, तभी मेयर रविंद्र गुप्ता ने इसे रोकने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि वह इस प्रस्ताव को पास नहीं करेंगे क्योंकि इसमें कूड़ा उठाने के जो रेट दिए गए हैं, वे लगभग डबल हैं। इसलिए जहां निगम को एक-एक पैसा बचाने के लिए काम करना है वहां करोड़ों रुपये फालतू में खर्च नहीं किए जा सकते।
मेयर के इस प्रस्ताव को रेड सिग्नल देते ही नेता सदन योगेंद्र चंदोलिया तिलमिला उठे। उन्होंने सदन में जोर से बोलते हुए मेयर से कहा कि आपको यह अधिकार नहीं है कि सदन में पास होने वाले किसी प्रस्ताव को रोक सकें। उन्होंने बताया कि मेयर हाउस का निर्णय मानने के लिए बाध्य हैं क्योंकि नेता सदन जिस प्रस्ताव को पास करते हैं, उसके पीछे सत्ता पक्ष के सदस्यों की सहमति के साथ बहुमत होता है। इसलिए मेयर इस काम में रुकावट पैदा नहीं कर सकते।
यह प्रस्ताव स्टैंडिंग कमिटी से पास होकर हाउस में रखा गया है। सत्ता पक्ष की केवल एक पार्षद को छोड़कर बाकी सभी सदस्यों ने इसके पास होने से इनकार नहीं किया है। बाद में कुछ और प्रस्तावों को पास करने के बाद सदन को अगली मीटिंग तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
नॉर्थ एमसीडी की हाउस मीटिंग में गुरुवार को उस वक्त बड़ी ही अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब सत्ता पक्ष के मेयर रविंद्र गुप्ता और नेता सदन योगेंद्र चंदोलिया आपस में ही भिड़ गए। दोनों के बीच जमकर जुबानी जंग हुई। मामला शुरू हुआ चार जोन का कूड़ा उठाने के लिए ठेकेदार को दिए जाने वाले रेट को लेकर।
मेयर ने यह कहकर प्रस्ताव पास करने से मना कर दिया कि रेट बहुत महंगे हैं। जबकि नेता सदन ने मेयर को चैलेंज करते हुए कहा कि प्रस्ताव रोकने का अधिकार मेयर का नहीं है। इस पूरे मामले में नेता विपक्ष मुकेश गोयल ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि यह देखो बीजेपी का हाल। मेयर और नेता सदन आपस में ही लड़ रहे हैं। विकास कार्य भूलकर बीजेपी ने सदन में तमाशा शुरू कर दिया है।
मसला शुरू हुआ दो प्रस्तावों को पास करने को लेकर। इन प्रस्तावों में नॉर्थ एमसीडी के चार जोन का कूड़ा उठाने के लिए दिए गए ठेके को पास करना था। यह जोन हैं सिटी, पहाड़गंज, करोल बाग और नरेला। सदन में जैसे ही यह प्रस्ताव आया और इसे पास करने की बात हुई, तभी मेयर रविंद्र गुप्ता ने इसे रोकने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि वह इस प्रस्ताव को पास नहीं करेंगे क्योंकि इसमें कूड़ा उठाने के जो रेट दिए गए हैं, वे लगभग डबल हैं। इसलिए जहां निगम को एक-एक पैसा बचाने के लिए काम करना है वहां करोड़ों रुपये फालतू में खर्च नहीं किए जा सकते।
मेयर के इस प्रस्ताव को रेड सिग्नल देते ही नेता सदन योगेंद्र चंदोलिया तिलमिला उठे। उन्होंने सदन में जोर से बोलते हुए मेयर से कहा कि आपको यह अधिकार नहीं है कि सदन में पास होने वाले किसी प्रस्ताव को रोक सकें। उन्होंने बताया कि मेयर हाउस का निर्णय मानने के लिए बाध्य हैं क्योंकि नेता सदन जिस प्रस्ताव को पास करते हैं, उसके पीछे सत्ता पक्ष के सदस्यों की सहमति के साथ बहुमत होता है। इसलिए मेयर इस काम में रुकावट पैदा नहीं कर सकते।
यह प्रस्ताव स्टैंडिंग कमिटी से पास होकर हाउस में रखा गया है। सत्ता पक्ष की केवल एक पार्षद को छोड़कर बाकी सभी सदस्यों ने इसके पास होने से इनकार नहीं किया है। बाद में कुछ और प्रस्तावों को पास करने के बाद सदन को अगली मीटिंग तक के लिए स्थगित कर दिया गया।