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गार्ड बोले-नशा छुड़ाओ केंद्र में पुलिस कर्मी पहुंचा रहे नशा

8 वर्ष पहले
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सिविलअस्पताल के नशा छुड़ाओ केंद्र में इलाज के लिए 13 दिन भर्ती रहा जालंधर का युवक छुट्टी मिलने के अगले दिन मंगलवार को फिर पहुंच गया। इस दौरान केंद्र के अंदर जाने की जिद को लेकर उसकी पैस्को कंपनी के कर्मचारी से हाथापाई हो गई। दोनों ने एक-दूसरे को थप्पड़ तक मारे।

मामला बढ़ा तो यह एसएमओ डॉ. भूपिंद्र तक पहुंच गया। वहां पैस्को कंपनी के अंडर काम करने वाले सिक्योरिटी गार्ड बलवान ने एसएमओ से कहा कि जनाब केंद्र में तैनात पंजाब पुलिस के कर्मचारी पैसों की खातिर अंदर मरीजों को बीड़ी-सिगरेट, तंबाकू और अन्य नशा प्रोवाइड करवा रहे हैं। अगर हम रोकते हैं तो उल्टा मरीजों से उनसे झगड़ा करवा देते हैं। बलवान ने यह तक कह दिया कि अगर वह झूठ बोल रहा है तो उसके बच्चों को कुछ हो जाए। इस बात को सुनकर पंजाब पुलिस कर्मी तिलमिला उठा और एसएमओ से कहा कि ऐसा नहीं है। जालंधर का एक युवक पठानकोट नशा छुड़ाओ केंद्र में इलाज के लिए 13 दिन भर्ती रहा और उसके बाद युवक को छुट्टी मिल गई थी। मंगलवार को युवक फिर से नशा छुड़ाओ केंद्र में पहुंचा और अंदर जाने की जिद करने लगा। नशा छुड़ाओ केंद्र में ऐसे किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। सिक्योरिटी गार्ड बलवान द्व‌ारा इतनी बात बोलने पर युवक और उसमें गाली-गलौच हो गया और दोनों ने एक-दूसरे से मारपीट शुरू कर दी।

युवक बोलता रहा कि वह दवा लेने आया है और सिक्योरिटी गार्ड बोलता नजर आया कि दवाई लेनी है तो सीधे डॉक्टर के पास जाए। इस बात को लेकर अस्पताल में दोपहर तक हंगामा होता रहा।

चैकिंगकराएंगे: एसएमओ

एसएमओडॉ. भूपिंद्र सिंह ने कहा कि अगर नशा छुड़ाओ केंद्र में ऐसा हो रहा है तो चैकिंग करवाकर कर्मचारियों को बदला जाएगा। नशा छुड़ाओ केंद्र में किसी बाहरी व्यक्ति के जाने की पूरी तरह मनाही है। बिना इजाजत कोई बाहरी व्यक्ति अंदर नहीं जा सकता।

एसएमओ डॉ. भूपिंद्र के रूम में सिक्योरिटी कर्मचारी और पुलिस की बहस भी हुई।

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