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इस बार पिछला रिकॉर्ड तोड़ेगी ‘मणिमहेश यात्रा’

8 वर्ष पहले
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अमरनाथयात्रा के दौरान खलल पड़ने के बाद इस बार मणिमहेश यात्रा में श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। यात्रा को लेकर पंजाब भर में भी गाड़ियों की एडवांस बुकिंग शुरू हो गई है, वहीं लंगर लगाने वाली संस्थाओं ने भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

अधिकारिक तौर पर यात्रा रक्षाबंधन से शुरू होगी और राधा अष्टमी ते चलेगी, लेकिन सूत्रों के अनुसार मणिमहेश यात्रा के लिए प्रतिदिन 100 से 150 के करीब शिवभक्त अब डल झील की ओर रुख करने लगे हंै। भरमौर के हडसर से शुरू होने वाली यात्रा को लेकर प्रशासन भी प्रबंध करने लगा है।

यात्रा में ज्यादातर लंगर पंजाब से : डॉ. शर्मा

मणिमहेशकी डल झील की बगल में हर वर्ष लंगर लगाने वाले श्रीमणिमहेश सेवा समिति दीनानगर, जुगियाल पठानकोट के प्रधान डॉ. नवनीत कुमार शर्मा का कहना है कि उन्होंने लंगर एंव मेडिकल कैंप की तैयारी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि यात्रा में सबसे ज्यादा लंगर पंजाब के ही होते हैं। वहीं, पठानकोट के ट्रैवल एसोसिएशन प्रधान विशाल शर्मा का कहना है कि श्रद्धालु एडवांस बुकिंग करा रहे हैं। लेकिन, इस बार पैट्रोल के दाम बढ़ने से तीन दिन के टूर पर एक हजार से 1500 रुपए तक बढ़े हैं।

हडसर से शुरू होती है यात्रा, रास्ते में लगते हैं लंगर

यहयात्रा हडसर से शुरू होती है। यहां से आगे पहाड़ी मार्ग ही एकमात्र माध्यम है जिसे पैदल चलकर या फिर खच्चरों की सवारी द्वारा तय किया जाता है। किसी समय में पैदल यात्रा चम्बा से ही आरम्भ की जाती थी। सड़क बन जाने के बाद यह यात्रा भरमौर से आरंभ होती रही और अब यह साधारण तौर पर श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा हडसर से आरंभ होती है। हडसर से मणिमहेश की डल झील तक कई जगहों पर लंगर और स्टे की व्यवस्था समाजसेवी संस्थाओं और भरमौर प्रशासन की रहती है।

आदिकाल से जुड़ा है मणि- महेश यात्रा का इतिहास

कैलाशपर्वत मणिमहेश-कैलाश के नाम से प्रसिद्ध है। वैसे तो कैलाश यात्रा का प्रमाण सृष्टि के आदि काल से ही मिलता है। 550 ईस्वी में भरमौर नरेश मारु वर्मन के भी भगवान शिव के दर्शन-पूजन के लिए मणिमहेश कैलाश आने-जाने का उल्लेख मिलता है। लेकिन मौजूदा पारंपरिक वार्षिक मणिमहेश-कैलाश यात्रा का संबंध 920 से लगाया जाता है। मणिमहेश यात्रा की लगभग 15 किमी. की खड़ी पहाड़ी चढ़ाई कठिन है, लेकिन रोमांच रास्ते की प्राकृतिक सुंदरता इसमें आनंद जोड़ देते हैं।

भास्कर ख़ास

मणिमहेश में एक पवित्र सरोवर है जो समुद्र तल से लगभग 13,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।

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