राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस मौसम में डेंगू से हुई मौत का पहला मामला सामने आया है। मरने वाली किशारी की उम्र 17 साल है। किशोरी, उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद की रहनेवाली है और उसकी मौत लोक नायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजीपी) अस्पताल में 21 जुलाई को हो गई।

मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण डेंगू बताया गया है। किशोरी के संबंधी के अनुसार डेंगू के लक्षण दिखने के बाद लड़की को दिल्ली के सरकारी जगप्रवेश चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां किशोरी का परीक्षण हुआ जिसमें उसे डेंगू होने की पुष्टि हो गई। संबंधी ने बताया कि इसके बाद उसे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस मौसम में अब तक डेंगू के कुल 90 मामले सामने आ चुके हैं। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल शहर में डेंगू के कुल 15,867 मामले सामने आए थे और 60 लोगों की मौत हो गई थी। 20 सालों में वह सबसे खराब स्थिति थी। वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार है और उसने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए 350 डेंगू क्लिनिक खोलने की योजना बनाई है। पूर्वोत्तर दिल्ली के जाफराबाद में 17 साल की लड़की की 21 जुलाई को लोकनायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में मौत हो गई।

दिल्ली सरकार के तैयार होने की बात करते हुए जैन ने भाजपा नीत नगर निकायों पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, ‘डेंगू की रोकथाम के लिए कदम उठाना एमसीडी के हाथों में है और हमारे हाथ में नहीं है। यह उनका काम है’। उन्होंने कहा, ‘इलाज का पहलू हमारा है और हम तैयार हैं। पिछले साल, हमने 55 डेंगू क्लिनिक खोले थे। इस बार हम 350 क्लिनिक खोलने का प्रयास कर रहे हैं। तकरीबन 95 फीसद डेंगू के मामलों का घर पर इलाज किया जा सकता है और इसलिए हमने इन विशेष क्लिनिकों के जरिए लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया है’।

यह पूछे जाने पर कि क्या पहली मौत सरकार की तैयारी के स्तर को दिखलाती है तो उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने कभी दावा नहीं किया कि डेंगू को खत्म कर दिया जाएगा। कोई भी सरकार या राज्य यह दावा नहीं कर सकता। डेंगू और अन्य बीमारियां देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही हैं। भारत के उष्णकटिबंधीय देश होने के नाते मच्छर रहेंगे, इसलिए डेंगू का खतरा भी रहेगा लेकिन हम तैयार हैं’।