नई दिल्ली
पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार को पीटने के आरोप में गिरफ्तार हुए वकील यशपाल सिंह पर एक जमीन के सौदे के संबंध में एक व्यक्ति ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता सुधीर कुमार का कहना है कि यशपाल ने उन्हें जमीन से संबंधित नकली कागज दिखाकर 45 लाख रुपये ठग लिए।
सुधीर के मुताबिक यशपाल ने उसे बताया था कि जमीन की मालिक राजुकमारी धावेजा (78) अमेरिका चली गई है और जमीन का निपटारा करना चाहती है। उनका कहना है कि जमीन के 'नकली' कागज दिखाकर यशपाल ने उनसे 45 लाख रुपये ठग लिए। साल 2014 में सुधीर ने यशपाल के खिलाफ ग्रेटर कैलाश पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया था जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे प्रारंभिक जमानत देने से इनकार कर दिया था। इस मामले में अगर यशपाल को दोषी पाया जाता है तो उसे आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
सुधीर ने बताया कि एक जान-पहचान वाले ने उसकी मुलाकात यशपाल से करवाई थी। यशपाल को सुप्रीम कोर्ट का वकील बताकर उस व्यक्ति ने कहा था कि उसके पास ग्रेटर कैलाश-I की एक जमीन का सौदा है। इस संबंध में जब सुधीर यशपाल से मिलने तीस हजारी कोर्ट गए थे। उनके मुताबिक यशपाल ने उन्हें जमीन की मालिक राजकुमारी धावेजा के बारे में बताया। उसने कहा कि राजकुमारी की कोई संतान नहीं है। वह इस जमीन की अकेली मालिक है और अमेरिका में अपने रिश्तेदार के यहां रहती है। वह जमीन को बेचना चाहती थी। यशपाल ने सुधीर से दावा किया कि महिला उस पर यकीन करती है और इसलिए जमीन के निपटारे के लिए उसे जिम्मेदारी दी है।
सुधीर द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक कुमार ने राजकुमारी से मिलने की बात कही थी, लेकिन यशपाल ने उसे बताया कि वह कानपुर में रहती है और दिल्ली आने की हालत में नहीं है। इसके लिए उसने सुधीर की फोन पर एक महिला से बात करवाई जिसने उसे बताया कि वह 24 साल से जमीन की मालिक है। यशपाल ने कहा कि डील के लिए अडवांस अमाउंट मिलने पर ही वह दिल्ली आ सकती है। इसके बाद सुधीर ने 45 लाख रुपये की रकम बतौर अडवांस दी और इतना ही भुगतान दो चेकों के जरिए दिया।
इसके 15 दिन बाद सुधीर को शक हुआ। बाद में जब वह प्लॉट देखने गया तो वहां प्रकाश गौतम को बैठा देख वह हैरान रह गया। गौतम ने उसे बताया कि वह इस प्रॉपर्टी का रखवाला नहीं है, बल्कि उसने इसे खरीदा है। यह जानकर सुधीर ने पेमेंट रोक दी और यशपाल के पास गया। यशपाल ने उसकी मुलाकात उस महिला से कराई जिसने फोन पर खुद को जमीन की मालिक बताया था। उसने कथित रूप से वह पेन कार्ड भी दिखाया जिसमें उसका नाम राजकुमारी धावेज लिखा था। सुधीर ने और पड़ताल की तो उसे असली राजकुमारी धावेजा के बारे में पता चला जिसकी मौत 2001 में ही चंडीगढ़ में हुई थी। उसके चार बच्चे भी हैं। सुधीर ने दावा किया सौदे के लिए उसे दिखाए गए प्रॉपर्टी के कागज फर्जी हैं और उन पर फर्जी हस्ताक्षर हैं। वह यशपाल से फिर मिला तो पहले उसने टालने की कोशिश की, लेकिन बाद में उसने सुधीर को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
अपनी मौजूदा जमानत याचिका में यशपाल ने कहा है कि वह पहले ही 55 लाख रुपये वापस कर चुका है। उसने कोर्ट से कहा कि इस मामले में कोर्ट के बाहर समझौता हो गया था। उसने टीओआई को बताया, 'मैंने एक मुश्त रकम पहले ही दे दी है और मैं इस बारे में और भी चीजें शेयर करूंगा।'
पटियाला हाउस कोर्ट में कन्हैया कुमार को पीटने के आरोप में गिरफ्तार हुए वकील यशपाल सिंह पर एक जमीन के सौदे के संबंध में एक व्यक्ति ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता सुधीर कुमार का कहना है कि यशपाल ने उन्हें जमीन से संबंधित नकली कागज दिखाकर 45 लाख रुपये ठग लिए।
सुधीर के मुताबिक यशपाल ने उसे बताया था कि जमीन की मालिक राजुकमारी धावेजा (78) अमेरिका चली गई है और जमीन का निपटारा करना चाहती है। उनका कहना है कि जमीन के 'नकली' कागज दिखाकर यशपाल ने उनसे 45 लाख रुपये ठग लिए। साल 2014 में सुधीर ने यशपाल के खिलाफ ग्रेटर कैलाश पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया था जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे प्रारंभिक जमानत देने से इनकार कर दिया था। इस मामले में अगर यशपाल को दोषी पाया जाता है तो उसे आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
सुधीर ने बताया कि एक जान-पहचान वाले ने उसकी मुलाकात यशपाल से करवाई थी। यशपाल को सुप्रीम कोर्ट का वकील बताकर उस व्यक्ति ने कहा था कि उसके पास ग्रेटर कैलाश-I की एक जमीन का सौदा है। इस संबंध में जब सुधीर यशपाल से मिलने तीस हजारी कोर्ट गए थे। उनके मुताबिक यशपाल ने उन्हें जमीन की मालिक राजकुमारी धावेजा के बारे में बताया। उसने कहा कि राजकुमारी की कोई संतान नहीं है। वह इस जमीन की अकेली मालिक है और अमेरिका में अपने रिश्तेदार के यहां रहती है। वह जमीन को बेचना चाहती थी। यशपाल ने सुधीर से दावा किया कि महिला उस पर यकीन करती है और इसलिए जमीन के निपटारे के लिए उसे जिम्मेदारी दी है।
सुधीर द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के मुताबिक कुमार ने राजकुमारी से मिलने की बात कही थी, लेकिन यशपाल ने उसे बताया कि वह कानपुर में रहती है और दिल्ली आने की हालत में नहीं है। इसके लिए उसने सुधीर की फोन पर एक महिला से बात करवाई जिसने उसे बताया कि वह 24 साल से जमीन की मालिक है। यशपाल ने कहा कि डील के लिए अडवांस अमाउंट मिलने पर ही वह दिल्ली आ सकती है। इसके बाद सुधीर ने 45 लाख रुपये की रकम बतौर अडवांस दी और इतना ही भुगतान दो चेकों के जरिए दिया।
इसके 15 दिन बाद सुधीर को शक हुआ। बाद में जब वह प्लॉट देखने गया तो वहां प्रकाश गौतम को बैठा देख वह हैरान रह गया। गौतम ने उसे बताया कि वह इस प्रॉपर्टी का रखवाला नहीं है, बल्कि उसने इसे खरीदा है। यह जानकर सुधीर ने पेमेंट रोक दी और यशपाल के पास गया। यशपाल ने उसकी मुलाकात उस महिला से कराई जिसने फोन पर खुद को जमीन की मालिक बताया था। उसने कथित रूप से वह पेन कार्ड भी दिखाया जिसमें उसका नाम राजकुमारी धावेज लिखा था। सुधीर ने और पड़ताल की तो उसे असली राजकुमारी धावेजा के बारे में पता चला जिसकी मौत 2001 में ही चंडीगढ़ में हुई थी। उसके चार बच्चे भी हैं। सुधीर ने दावा किया सौदे के लिए उसे दिखाए गए प्रॉपर्टी के कागज फर्जी हैं और उन पर फर्जी हस्ताक्षर हैं। वह यशपाल से फिर मिला तो पहले उसने टालने की कोशिश की, लेकिन बाद में उसने सुधीर को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
अपनी मौजूदा जमानत याचिका में यशपाल ने कहा है कि वह पहले ही 55 लाख रुपये वापस कर चुका है। उसने कोर्ट से कहा कि इस मामले में कोर्ट के बाहर समझौता हो गया था। उसने टीओआई को बताया, 'मैंने एक मुश्त रकम पहले ही दे दी है और मैं इस बारे में और भी चीजें शेयर करूंगा।'